कलेक्टर से यह उम्मीद जुबान वालों को भी नहीं थी..
दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं गड्ढे
आम हो या खास सभी के लिए सड़क सुरक्षा एक महत्त्वपूर्ण विषय है, जो पिछले कुछ समय से जिलेवासियों के लिए चिंता का कारण बन चुका है। बीते वर्षों में यह आँकड़ा बहुत तेजी से ऊपर आया है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के चलते सड़क पर चलने वाला लगभग हर व्यक्ति अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगा है।
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने विगत दिनों सड़क सुरक्षा कार्यों को लेकर जिले में सड़क दुर्घटना के कारणों और सुधारात्मक उपाय की समीक्षा की।
सड़कों की दुर्दशा भी सड़क हादसों का एक मुख्य कारण है। कभी-कभी टूटी-फूटी सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। ऐसे में सड़क हादसे होने स्वाभाविक हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के एक प्रकरण में कुछ समय पूर्व कहा गया था कि देश भर में 2013 और 2017 के बीच गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 14,926 लोग मारे गए थे। तब
अदालत ने टिप्पणी की थी कि , “पांच साल में यह लगभग 15,000 मौतें हैं, शायद सीमा पर या आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों की तुलना में अधिक है।”

कलेक्टर की संवेदनशील पहल.. अब मवेशियो को मिलेगा पानी
अपने आप मे ये बात जरुर अचरज वाली होगी लेकिन है सच बेजुबान मवेशियो को गर्मी के दिनो मे पानी पिलाने की व्यवस्था अगर प्रशासनिक पहल पर हों तो ये फिर एक बड़ी बात हो जाती है। कोरबा कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इसी तरह की संवेदनशीलता दिखाई है। कलेक्टर ने निगम आयुक्त को आवारा मवेशियो के लिये गर्मी के दिनो मे पानी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये है। कलेक्टर के निर्देश पर निगम आयुक्त ने मवेशियो के लिये पानी की व्यवस्था करने का काम शुरू कर दिया है।
पत्रकार अरविंद पांडे कहतें हैं – ” इस तरह की जागरूकता अभी तक के किसी अधिकारी ने नही दिखाई थी। श्रीमती साहू की पहल उच्च प्रशासनिक स्तर के अधिकारी की सड़क पर पड़े बेजुबानो के प्रति अथाह करुणित मन की गाथा कह जाता है। गर्मी मे पानी की व्यवस्था आम इंसान तो कर लेता है लेकिन बेजुबान कहां जाएंगे ? किससे पानी मांगेगे ? उनकी ओर तो कोई देखने वाला नही यही सोच कर बेजुबान रह जाते है उनके मालिक तो उन्हे ऐसा छोड़ते जैसे उन्हे अब कोई लेना देना नही आवारा मवेशियो के लिये प्रशासनिक व्यवस्था होगी.. इसकी उम्मीद बेजुबानो को क्या जुबान वालो को भी नही थी लेकिन कलेक्टर श्रीमती साहू ने निराशा को भी आशा में बदलकर लोगो को यह संदेश भी दे दिया कि प्रशासन जुबान वालो के लिये ही नही बेजुबानों के लिये भी है। ”
आलाकामनी कवच..
भले ही नेताओं, लोगों को अपनी पार्टी के कार्यक्रम में मंच पर स्थान न मिलता हो, भले ही वे राजनीति का क, ख, ग ककहरा सीख रहे हों या भले ही उनका प्रयास जिला स्तर के बड़े नेताओं का ‘राइट हैंड’ कहलवाने का हो लेकिन अपने फेसबुक अकाउंट पर यह स्वयं आलाकमान होते हैं। किसी पर बस चले या न चलेआखिर उनके पास यह एक ऐसा मंच है, जिसमें उनकी ही चलती है। इस फेसबुकी मंच का उपयोग अपनी सुविधा के हिसाब से करते हैं। किसी को भद्दी टिप्पणी कर अपने आका को दिखाकर खुश कर दिया तो कभी किसी post को पोस्ट करने के बाद prospond करना भी ये अपने सुविधा के हिसाब से करते हैं।

“उज्जैन से बनेगा भारत का नेशनल कैलेंडर”
देशभर में एक समान तिथि, वार, त्योहार तय करने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर नेशनल कैलेंडर तय किया जाएगा। इसके लिए उज्जैन में दो दिन देशभर के ज्योतिषी, पंचांगकर्ता और खगोल विज्ञान से जुड़े विद्वान जुटेंगे।
विभिन्न अंचलों से पंचांगों के कारण व्रत-त्योहार, तिथि आदि को लेकर उत्पन्न होने वाले भेद समाप्त होंगे।
इसके अलावा देश में अंग्रेजी कैलेंडर की जगह भारतीय कैलेंडर को मान्यता मिलेगी।
सुरेंद्र किशोर उवाच…
सन 2014 में इस देश के 14 राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं। तब तक केंद्र में भी मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री थे।
पर,पिछले 8 वर्षों में क्या हुआ ?
अब दो राज्यों में ही कांग्रेस की सरकारें हैं।
कांग्रेस नेतृत्व की यही ‘उपलब्धि’ है।
विनोबा भावे कहते थे कि यदि आपका रसोइया 100 में से 60 रोटियां जला दे तो क्या उसे आप रसोइया बनाए रखेंगे ?
अब ATM की भी जरूरत नहीं
भारत में जल्दी ही आप ATM से बिना Card के आराम से पैसा निकाल पाएंगे। ये सुविधा कुछ बैंक अभी भी देते हैं, लेकिन उसका तरीका थोड़ा अलग होता है…..उसमे आपको Bank की App पर request डालनी होती है और फिर आप उसी बैंक के ATM से पैसा निकाल सकते हैं।
लेकिन अब आप UPI के द्वारा Authentication करके किसी भी बैंक के ATM से cardless transaction कर पाएंगे। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि कोई आपके ATM कार्ड की skimming या Cloning नही कर पायेगा, और इससे संबंधित धोखाधड़ी के case बन्द हो जाएंगे।
UPI का इस्तेमाल करके भारतीय बैंकिंग सिस्टम एक और शानदार सर्विस देने जा रहा है।
