श्रीमती सोनाली साहू : बिलासपुर.. विश्वविद्यालय प्रबंधन डाटा कलेक्टिंग सेंटर बनने की ओर अग्रसर
कोरोना काल में स्कूल खुल चुके हैं, नन्हे-नन्हे उमंग,उत्साह के साथ रोज बिना किसी रोकटोक के स्कूल की चौखट पर पग धर रहें हैं लेकिन बिलासपुर विश्वविद्यालय प्रबंधन अभी तक कोरोना के दम के आगे बेदम हांफ रहा है।
शीघ्रातिशीघ्र परीक्षा परिणाम देकर अपनी छवि गढ़ने के प्रयास में छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लगाने का प्रयास सतत रुप से जारी है। जिस तरह से विश्वविद्यालय प्रबंधन काम कर रहा है उससे भविष्य में यह मात्र डाटा सेंटर बनकर न रह जाये।
जानकारी के अनुसार एग्जाम के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का संबंधित महाविद्यालयों को ही सौंपे जाने की बात सामने आ रही है तो ऐसे में घोषित परीक्षा परिणामों की निष्पक्षता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़े होंगे।
उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की जवाबदेही परीक्षा लेने वाले केंद्र से अन्यंत्र अन्य केंद्र को दिए जाने से जहां जांच करने वालों पर भी किसी तरह का मानसिक या किसी भी प्रकार का अन्य दबाव नहीं बनेगा और जो परिणाम आएंगे वे भी कही न कही परीक्षार्थियों की सोच को एक नई दिशा देंगे, जिससे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए अध्ययन करने का अप्रत्यक्ष रूप से दबाव उन पर बना रहेगा।
ऑनलाइन परीक्षा से सबसे बड़ी हानि तो यह है कि केवल लैपटॉप द्वारा सहजता से दी जा सकती है और सभी छात्रों के पास लैपटॉप नहीं होता। ऑनलाइन परीक्षा के लिए एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन बहुत आवश्यक है और सभी छात्रों के पास अच्छा इंटरनेट कनेक्शन हो यह संभव नहीं है। सभी छात्रों की टाइपिंग स्पीड अच्छी नहीं होती। इस वजह से कोई छात्र अपनी परीक्षा पूरी नहीं कर पाएगा। गणित, अर्थशास्त्र, विज्ञान जैसे विषय हैं जो ऑनलाइन प्रयास करना मुश्किल है क्योंकि उनमें सूत्र और आरेख शामिल हैं। जानकारी के अनुसार इस तरह की कई कमियों के चलते छात्रों का एक बड़ा वर्ग ऑनलाइन परीक्षा के विरोध में हैं।
ऑनलाइन परीक्षा की प्रक्रिया में सुरक्षा महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। सही परीक्षार्थी परीक्षा दे रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रमाणीकरण, प्राधिकरण प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। यह प्रक्रिया समय लेने वाली है।