सुरेंद्र किशोर : जो इतिहास से नहीं सीखते, वे उसे दोहराने को अभिशप्त होते हैं

 

लंबे समय से सत्ता में रह चुके जिस सुप्रीमो नेता ने अपने वंश या परिवार के किसी व्यक्ति को राजनीति या सत्ता में कोई पद नहीं दिया।

ऐसे सेवाभावी नेताओं का यदि जनता सशक्तीकरण नहीं करेगी तो वंशवादी लुटेरे इस देश को लूटपाट कर खुद सपरिवार एक दिन विदेशों में बस जाएंगे।

दृश्य-1-
पलासी के युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत के साथ ही
भारत में ब्रिटिश शासन की नींव पड़ गई थी।
तब राॅबर्ट क्लाइव ने मात्र 3000 सैनिकों के साथ वह युद्ध जीत लिया था।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन तीन हजार सैनिकों में से सिर्फ 650 ही अंग्रेज सैनिक थे।
बाकी कौन थे ?
बाकी भारतीय थे।
उन्होंने अंग्रेजों के लिए भारत को जीत कर उनकी तश्तरी में रख दिया।
ब्रिटिश इतिहासकार सर जे.आर.सिली (1834-1895)ने लिखा है कि ब्रिटिशर्स ने भारत को कैसे जीता।
मशहूर किताब ‘द एक्सपेंसन आॅफ इंगलैंड’ के लेखक सिली की स्थापना थी कि
‘‘हमने (यानी अंग्रेजों ने) नहीं जीता,बल्कि खुद भारतीयों ने ही भारत को जीत कर हमारे प्लेट पर रख दिया।’’
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इतना ही नहीं,बाद में यह दंत कथा चर्चित हुई कि जब क्लाइव ने विजय जुलूस निकाला तो वहां उपस्थित हजारों भारतीय उसे वाहवाही देते हुए तालियां बजा रहे थे।
मैंने दंत कथा इसलिए कहा कि यह बात इतिहास की किताब में कहीं मैंने नहीं देखी।
आपने देखी हो तो बताइएगा।
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दृश्य-2-
भारत में इन दिनों वोट के जरिए सत्ता के लिए लड़ाई होती रहती है।
पर, एक बात आज भी वैसी ही होती है।
इस लड़ाई में भी कई तत्व भारत के नहीं बल्कि विदेशों के हितों के पक्षधर के रूप में खड़े दिखाई पड़ते हैं।
कुछ नेता अपने कर्मों के जरिए।
कुछ अपने बयानों के साथ ।
और, कुछ अन्य टीवी.चैनलों में जारी बहसों के जरिए।
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ऐसे में अनेक लोगों को उम्मीद की किरण सिर्फ उन थोड़े से नेताओं में दिखाई पड़ती है,
जिन्होंने लंबे समय तक सत्ता में रह लेने के बावजूद अपनी जायज आय से अधिक निजी संपत्ति नहीं बढ़ाई।
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लंबे समय से सत्ता में रह चुके जिस सुप्रीमो नेता ने अपने वंश या परिवार के किसी व्यक्ति को राजनीति या सत्ता में कोई पद नहीं दिया।
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इन दो श्रेणियों के नेताओं की संख्या घटती जा रही है।
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ऐसे सेवाभावी नेताओं का यदि जनता सशक्तीकरण नहीं करेगी तो वंशवादी लुटेरे इस देश को लूटपाट कर खुद सपरिवार एक दिन विदेशों में बस जाएंगे।
आपके-हमारे लिए
बच जाएगी गन्ने की सिट्ठी !!
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