छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर कटगी के युवाओं द्वारा नारियल-पौधरोपण
कटगी में 16 परिवारों ने गांव में लगाए नारियल के 16 पौधे
पौधरोपण के पीछे उद्देश्य है कि गांव में हरियाली के साथ ही सुंदरता भी बिखरे
कटगी 30 नवंबर 2021- आदर्श ग्राम कटगी में 16 परिवारों ने मिलकर गांव के बाहर खाली जगहों पर नारियल के 16 पौधे लगाए हैं। पौधरोपण के पीछे उद्देश्य है कि गांव में हरियाली के साथ ही सुंदरता भी निखरे। नारियल एक आय देने वाला पेड़ भी है। इसके अलावा स्वास्थ्य के लिए नारियल पानी में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा भी पाई जाती है।
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छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर बलौदाबाजार जिले के तहत कसडोल ब्लाॅक के ग्राम कटगी के युवाओं द्वारा नारियल के पौधे रोपे गए हैं। नारियल पेड़ रोपने से पहले उनकी पूजा-अर्चना की गई। बड़े ही श्रद्धा के साथ माताओं, बहनों व युवाओं ने नारियल पौधों को तिलक लगाए, फूल चढाएं और उसे निरंतर बढ़ने की शुभकामनाएं दीं। इस पौधरोपण में उनका लगाव व प्रेम अलग ही दिखाई पड़ रहा था। पौधरोपण के प्रति लगाव का ऐसा उदाहरण कम ही देखने को मिलता है।
समिति के युवा लालमणी राकेश कहते हैं कि गांव के बाहर एक ताड़ का पेड़ था। बीते मई महीने में वह आंधी तूफान में धराशायी हो गया। गांव के सभी बड़े-बुजुर्ग और युवाओं को ताड़ के इस पेड़ के गिरने से दुख पहुंचा। क्योंकि इस ताड पेड़ से लगभग सभी ग्रामीणों के बचपन की स्मृतियां जुड़ी हुईं हैं। ताड़ का वह पेड़ एक सदी से अधिक वक्त तक समय का साक्षी रहा है। उसने करीब तीन से चार पीढ़ियों का बचपन देखा है। चंद्रमौली शर्मा बताते हैं कि गांव के बच्चे इस ताड़ के इर्द-गिर्द बांटी, भौंरा, पिट्ठूल, लंगड़ी दौड़ आदि खेलकर बड़े हुए हैं। जीवन में खेल व बेफिक्री के बीच बहुतेरे ग्रामीण अब युवा और बुजुर्ग हो गए हैं। युवाओं की इस समिति में लालमणी राकेश, भरतलाल शाहजीत, वेदप्रकाश देवांगन, मुकेश राकेश, बसंत शाहजीत, चंद्रमौली शर्मा, प्रभात शर्मा, कार्तिकेश्वर शाहजीत, ओमप्रकाश देवांगन, रश्मिलता राकेश, मनहरण शाहजीत, गीतेश देवांगन, प्रकाश देवांगन, योेगेश मिश्रा, बद्रिका राकेश और हरिशंकर कटकवार शामिल हैं।
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वेदप्रकाश देवांगन बताते हैं कि नारियल पौधरोपण के लिए गांव में युवाओं की एक समिति बनाई गई है। उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप भी है। गांव के सभी 16 युवाओं द्वारा अपना श्रम, धन और समय लगाकर नारियल पौधे रोपित किया गया है। भरत लाल शाहजीत ने बताया कि उन्होनंे अपने बचपन को स्मृतियों बनाए रखने के लिए नारियल का पेड़ लगाया है। नारियल का पेड़ ताड़ के उस पेड़ की कमी को पूरा करेंगे। उन्होंने बताया कि नारियल के पेड़ों को वैज्ञानिक विधि से रोपे गए हैं। पौधरोपण के लिए तीन गुणा तीन फीट गहरे गड्ढों में गोबर खाद, नीम खली, सरसों खली, वर्मी कंपोस्ट, डीएपी, एनपीके और टाईकोडर्मा भी डाला गया है।
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गांववालों से सहयोग की अपील
युवा बसंत शाहजीत कहते हैं कि समिति के सहयोग से पौधरोपण का कार्य हो चुका है। पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाए गए हैं। इसके बाद भी पौधों की सुरक्षा के लिए मोहल्ले व गांव के युवाओं का भरपूर सहयोग की जरूरत है। पौधों को समय-समय पर पानी सिंचाई की आवश्यकता होगी। यह सब कार्य गांव वालों के भरपूर सहयोग के बिना संभव नहीं है।
