स्वदेशी टॉर्पीडो नौसेना के बेड़े में शामिल, पूर्व में स्वदेशी करंज पनडुब्बी भी हुई है शामिल
भारतीय नौसेना ने आज कहा कि इसने स्वदेश निर्मित उन्नत टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली ‘मारीच’ को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है जो अग्रिम मोर्चे के सभी युद्धपोतों से दागी जा सकती है।
यह प्रणाली किसी भी टॉर्पीडो हमले को विफल करने में नौसेना की मदद करेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित ‘मारीच’ प्रणाली हमलावर टॉर्पीडो का पता लगाने, उसे भ्रमित करने और नष्ट करने में सक्षम है।
नौसेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘निर्दिष्ट नौसैन्य मंच पर लगे इस प्रणाली के प्रतिरूप ने सभी प्रायोगिक मूल्यांकन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए थे और नौसैन्य स्टाफ मानदंड आवश्यकताओं के अनुरूप सभी विशेषता प्रदर्शनों पर यह खरी उतरी थी।’
नौसेना ने कहा कि रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा इस विध्वंसक प्रणाली का उत्पादन किया जाएगा। इसने कहा, ‘अग्रिम पंक्ति के सभी युद्धपोतों से दागे जाने में सक्षम उन्नत टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली मारीच के लिए एक करार पर पहुंचने के साथ आज भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में बड़ी मजबूती हासिल हुई है।’
टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम का नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाना न केवल रक्षा प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास के लिए भारतीय नौसेना और डीआरडीओ के संयुक्त संकल्प को दर्शाता है बल्कि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और नवीन प्रौद्योगिकी में ‘आत्म-निर्भर’ बनने के देश के संकल्प को भी एक बड़ा प्रोत्साहन है।
मेक इन इंडिया की तर्ज पर पूर्व में नौसेना के बेड़े में तीन स्वदेशी करंज पनडुब्बियों को शामिल कर सरकार सेना को प्रत्येक दृष्टिकोण से मजबूत करने में लगी हुई है।
