देवेंद्र सिकरवार : बिल्ली मूव डिप्लोमेसी.. दरअसल मोदी जी ट्रम्प वाली गलती नहीं दोहरा सकते.. चीन की ये इस कूटनीतिक मोदी के हाथों में..
बहुत साल पहले हमारे घर में एक बिल्ली गीध गई थी। दूध दही व खाने पीने की चीजों का तो नुक्सान करती ही थी साथ ही चाहे जिस जगह पॉटी कर जाती थी।
एक दिन वह तख्त के नीचे छुपी थी। मैंने देख लिया और दबे पाँव जाकर दरवाजा बंद कर दिया और चादर को ऐंठकर तसल्ली से कोड़ा बनाया और फिर बिल्लो रानी की जबरदस्त कुटाई हुई।
आखिरकार जब वह पड़ी रह गई, तब जाकर मेरा गुस्सा शांत हुआ और मैंने द्वार खोला और सहसा वह उठकर सरपट भाग गई।
ओ तेरे की! इतनी शानदार एक्टिंग मरने की
मगर वह फिर कभी घर नहीं आई।
खैर! शाम को बापू आये और मैंने अपने पराक्रम को नमक मिर्च लगाकर सुनाया तो वे सहसा गंभीर हो उठे।
“आज के बाद कभी भी बिल्ली को कमरे में बंद मत करना।” वह गंभीर स्वयं में बोले।
मेरी आँखों के प्रश्न को समझकर उन्होंने मुझे समझाया, “अगर बिल्ली को बाहर निकलने का कोई रास्ता दिखाई नहीं देता तो वह आक्रामक होकर गले पर झपटती है, जो तुम्हारे लिए जानलेवा हो सकती थी।”
“इसलिए अगर बिल्ली को घेरो तो एक खिड़की खुली छोड़कर रखो ताकि उसे उम्मीद बनी रहे और वह गले पर न झपटे।” उन्होंने मुझे यह अमूल्य नीतिवाक्य समझाया।
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ट्रम्प ने बिल्ली को नहीं बल्कि पूरे शेर को घेरने की कोशिश की और निराश होकर शेर ने ट्रम्प की गर्दन रूस और चीन के नाखूनों से पकड़ ली।
लेकिन मोदी ट्रम्प के मामले में पलटकर यह गलती नहीं करना चाहते और उन्होंने चीन की विजय परेड में शामिल होने के आग्रह को ठुकराकर एक साथ तीन संदेश दिए।
1– जापान को यह बताया कि वह उनके सम्मान के विरुद्ध किसी गठबंधन या प्रयत्न में सहभागी न होंगे।
2– चीन को यह संदेश दे दिया कि अभी तुम विश्वास के योग्य नहीं हो और न तुम्हें एशिया का राजा बनने दे सकते हैं।
3)– सबसे महत्वपूर्ण संदेश अमेरिका को दिया कि जिस तरह वह चीन से अपनी शर्तों पर डील करता है, वैसा ही बराबरी का व्यवहार अमेरिका को अगर करना है तो अभी देर नहीं हुई है।
दरअसल मोदी जी ट्रम्प वाली गलती नहीं दोहरा सकते।
उन्होंने ट्रम्प के पाले में गेंद फैंक दी है।
What a great diplomatic move!
मोदी ने ट्रम्प के लिए खिड़की खोल दी है।
