सर्वेश तिवारी श्रीमुख : आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा…

भारत पाक के मध्य चार दिन तक युद्ध( स्ट्राइक ही कह लीजिये) चला, पर इसी बीच संसार में कुछ बड़ी घटनाएं चुपके से घट गईं। उसमें से दो तीन देख लीजिये।
१- महीने दिन पहले एक बड़ी खबर पूरे संसार में कुछ इस तरह तैर रही थी कि रोज ही सारे अखबारों के पहले पन्ने को छेक लेती थी, वह अमेरिका की टैरिफ नीति वाली खबर थी। दोनों खलीफा एक दूसरे के खिलाफ गरजते हुए डेढ़ सौ प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कर रहे थे। इधर हुआ यह कि दस तारीख को दोनों देशों के उच्च अधिकारी स्विट्जरलैंड के एक खूबसूरत लोकेशन में साथ बैठे और कमरे की चाभी खो गयी। दो दिनों तक कमरे में सौदागर फ़िल्म का गीत “इलू इलू” बजता रहा। कमरा खुला तो मामला सुलट चुका था। दोनों में समझौता हो गया है, टैरिफ लगभग हट चुका है। आनन्द ही आनन्द…
२- कतर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साढ़े तीन हजार करोड़ का विमान गिफ्ट देने की पेशकश है। विमान क्या है, उड़ता हुआ राजमहल है। बिना डकैती मारे अमेरिका को इतना महंगा कुछ आजतक मिला हो, यह याद नहीं… यह पेशकश करते समय कतर के सुल्तान बार बार अन्नू मलिक का जो गीत “आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा…” गाये जा रहे थे, मैंने गूगल से पूछा तो पता चला कि वह “मिस 420″ नामक फिल्म का गीत है। खबर यह है कि ट्रम्प साहब का तशरीफ़ बैठे न बैठे, दिल उस विमान में उड़ने लगा है।
३- इसी बीच सऊदी अरब ने अमेरिका से 142 अरब डॉलर के हथियार खरीदे हैं। ट्रम्प यहाँ तक कह चुके कि अमेरिका के लिए सऊदी अरब से बेहतर व्यपारिक साझेदार कोई मिल ही नहीं सकता। ट्रम्प चौधरी यहीं नहीं रुक रहे, वे अपना ठेला लेकर समूचे मध्य एशिया में ” हथियार ले लो, हथियार ले लो…” कहते घूम रहे हैं।
यह सब क्यों हुआ, क्या कारण है, इसका कोई उत्तर नहीं हमारे पास। हाँ इन बड़ी घटनाओं के आसपास की एक घटना यह है कि जहां एक ओर इस युद्ध के बाद हथियार मार्किट में भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम और आकाश, ब्रम्होस आदि मिसाइल का क्रेज बढ़ा है, वहीं अमेरिका के दिये हुए पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर विश्व विरादरी में यह धारणा बनने की लगी कि यह बिल्कुल बेकार माल है, इसे गुरदेल से मार कर नष्ट किया जा सकता है। दुनिया ने देखा भी कि कैसे भारत अपनी सीमा में बैठे बैठे पाकिस्तान के एयर बेस को उड़ा रहा था। धड़ाधड़…
युद्ध के शुरुआत में ही रक्षा मंत्री सिंह साहब ने भारत को हथियारों का ट्रस्टेड सप्लायर बताते हुए डायलॉग मारा- “डोंट गो फ़ॉर डाउट! गो फॉर इंडिया।” फिर जब प्रधान जी आये तो उन्होंने भी भारत में निर्मित एंटी ड्रोन सिस्टम और मिसाइलों की सफलता पर खूब बात की… इस ब्रांडिंग का असर भी दिखने लगा है।
तो कहीं ऐसा तो नहीं कि बम गिर पाकिस्तान पर रहे थे, और फट अमेरिका की रही थी… अगर ऐसा है फिर तो मजेदार है… और अगर ऐसा नहीं है, तो पता नहीं कैसा है… सबकुछ समझ में भी तो नहीं आता।

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