सुरेंद्र किशोर : बांग्लादेश …तथाकथित सेक्युलर दल ने बयान दिया है ?

गोधरा ट्रेन 59 कार सेवक दहन कांड 27 फरवरी 2002 की सुबह में ही हो गया था।
पर, उस दिन शाम तक किसी तथाकथित सेक्युलर दल के नेता ने उस नृशंस कांड की निन्दा तक नहीं की थी।

27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के डिब्बे को बाहर से पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया।
भीतर मौजूद 59 कार सेवक जिन्दा जल मरे।वे अयोध्या से लौट रहे थे।
वह हृदय विदारक घटना सुबह में ही हुई थी।
24 घंटे टी.वी.चैनलों वाले इस देश में दिन भर किसी सेक्युलर नेता ने उस घटना की निन्दा तक नहीं की।
किंतु जब शाम में प्रतिशोधात्मक दंगे शुरू हुए तो सेक्युलर दल के नेतागण उसके खिलाफ चिल्लाने लगे।
—————-
जिन लोगों ने 59 कार सेवकों को जिन्दा जलाया,उन्हें अदालत सजा दे चुकी है।
पर,उससे पहले मनमोहन सिंह सरकार के दौर के रेल मंत्रालय ने उस पर बनर्जी कमेटी बनाई थी।
बनर्जी कमेटी ने जेहादियों को बचाने के लिए यह रिपोर्ट दे दी कि कारसेवकों के डिब्बे में भीतर से ही आग लगी थी कारसेवकों की गलती से।
—————-
अब आप बांग्ला देश की ताजा नर संहारों व महिलाओं के साथ बलात्कारों की घटनाओं पर आइए।
उसके खिलाफ इस देश के किसी तथाकथित सेक्युलर दल ने बयान दिया है ?
जब गोधरा पर नहीं दिया तो उस पर कैसे बयान देते ?
इसी से उनकी पूरी मानसिकता समझ लीजिए।
—————-
इस पृष्ठभूमि में भारत को लेकर आने वाले दिनों के खतरों की अभी से कल्पना कर लीजिए।
क्या सब होने वाला है ?!!
चुप्पी साधने वाले और एकतरफा धर्म निरपेक्षता की राजनीति करने वाले लोग आगे इस देश में और क्या-क्या करने
वाले हैं ?
क्या -क्या करना चाहते हैं ?
सलमान खुर्शीद और मणिशंकर अय्यर ने उसके कुछ ठोस संकेत दे भी दिए हैं।
बस केंद्र में उनके सत्ता में आ जाने भर की देर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *