कौशल सिखला : PM मोदी क्यों बोले “आठ नौ सालों से आलोचना सुनने को तरस गए , जब सुने , आरोप ही आरोप सुने !”

संसद में प्रधानमंत्री ने ढेर सारी खरी खरी बातें कही!
पर एक बात तो बिल्कुल सटीक थी !
उन्होंने कहा कि आठ नौ सालों से आलोचना सुनने को तरस गए , जब सुने , आरोप ही आरोप सुने !
सच है ; शिकायत , आलोचना , समालोचना अलग बात हैं और आरोपित करना अलग बात !
आलोचना स्वस्थ होती है , बीच बीच में व्यंग के शब्द पड जाएं तो भी आलोचना से कोई न कोई सीख मिलती है , समझने या संभलने का मौका मिल जाता है !

लेकिन आरोप तो आरोप हैं , लगाए जाते हैं , मढ़े जाते हैं !
आलोचना से बात आगे बढ़ती है , आरोपों से वहीं उलझकर रह जाती है !
जब हम किसी को आरोपित करते हैं तो वह हमारे अतीत की याद दिलाने लगता है !
बात राजनीति की हो तो आलोचना से गलतियां सुधारी जाती हैं , आरोपों से सिर्फ जवाब आता है !
आलोचना अच्छी है , बात बनाती है , आरोप जवाब ढूंढते हैं !

हमारी संसद में आठ नौ सालों से विपक्ष के आरोप लगातार आ रहे हैं । वास्तव में संकट का असली कारण भी यही है । ऐसा नहीं है कि आरोप पहले नहीं लगते थे । लगते थे , बड़े बड़े लगते थे , प्रमाणों के साथ लगते थे । लेकिन संसद में स्वस्थ आलोचनाएं भी बेशुमार हुआ करती थी । सब जानते हैं कि विपक्ष में लोहिया से लेकर अटल आडवाणी तक ऐसे अनेक स्वनामधन्य नेता रहे हैं , जिन्होंने संसद में अपनी आलोचनाओं से देश का दिल जीत लिया था ।

यह सच है कि ब्यूरोक्रेसी भी सदा विभाजित रही है और विपक्ष को दस्तावेज उपलब्ध कराती है , जिनका उपयोग सत्ता को घेरने के लिए करता था । परंतु वह दौर बीत चुका है , बात अब और आगे निकल गई है । अब तो घोर नफ़रत , अपच और प्रहारों की राजनीति हो रही है । अडानी अडानी करने वाले राहुल गांधी ने पूरी कांग्रेस को अडानी द्रोही बनाना चाहा , पर सफल नहीं हुए । अशोक गहलौत , ममता , हेमंत सोरेन , उद्धव ठाकरे , भूपेश बघेल , के विजयन , केसीआर आदि सभी अपने राज्यों में अडानी का निवेश कराते रहे हैं ।

यह जानकर भी कि उनकी सरकार के आका सोनिया और राहुल अडानी को दिन रात कोसते हैं । मोदी और अडानी का भूत राहुल को रात में चैन से सोने भी नहीं देता । कोई इलाज नहीं , जब तक दिल्ली दूर , तब तक राहुल को मोदी अडानी करते रहना है । वैसे राहुल को यह जानकर दुःख होगा कि संसद को अडानीमय बनाने से राहुल को कुछ हासिल नहीं हुआ , कुछ खास नहीं मिला । अडानी के शेयर फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं ।

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