देवेंद्र सिकरवार : राम के रक्तवंशज.. जातिवाद के विनाश का मार्ग खुल जायेगा
मैं तो चाहता हूँ कि अकेले मैं ही क्यों बल्कि हर हिंदू चाहे वह ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो वैश्य हो, दलित हो, सभी स्वयं को श्रीराम का #रक्तवंशज घोषित करे इस स्मरण के साथ कि स्वयं श्रीराम ने स्वयं को उच्च जाति का न मानकर सदैव दबे कुचले दलितों को अपना सहोदर माना और उन्हें बराबर माना वरना उनके वंश में तो कौरवों के अधर्म पक्ष से लड़ने वाला बृहद्वल और कामुक अग्निवर्ण व प्रसेनजित जैसे लोग भी हुए।
यानि कि श्रीराम का सीधे रक्तवंशज होना भी आदर्श हिंदू होने की गारंटी नहीं है, लेकिन एक दायित्वबोध अवश्य है कि जिसका खून रगो में दौड़ रहा है, वे भी अपनी जाति से नहीं बल्कि कर्म व आचरण से ईश्वर रूप में प्रतिष्ठित हुए।
इसलिए आप स्वयं चाहें तो इस दायित्वबोध कि सभी हिंदू सहोदर हैं, के साथ गर्व से उद्घोष करें कि आपका जन्म श्रीराम के वंश में सीधे उनके जीन प्रवाह में हुआ है।
मुझे तनिक भी आपत्ति नहीं क्योंकि अंततः इससे भी जातिवाद के विनाश का मार्ग खुल जायेगा क्योंकि सभी जातियों के मूलपुरुष श्रीराम हो जाएंगे।
इसलिए मैं आपको भी न्योता देता हूँ कि आइये लिखिए कि आप भी इक्षवाकु वंश में श्रीराम के कुल में उत्पन्न उनके सीधे रक्तवंशज हैं।
आइये लिखिये!
शेष आप उन्हें ईश्वर मानें, महापुरुष मानें, अपना आदरणीय कुलपुरुष मानें सभी अंततः उनके प्रति पूज्य भाव ही हैं और उन्हें सभी स्वीकार हैं।
