पंकज कुमार झा : अवैध अप्रवासी और ट्रम्प.. भारत के कांग्रेडी
अगर आप कांगरेडों को पढ़ते रहें तो संतुलित भाषा में जवाब देना कठिन हो जाता है। जवाब तर्क का दिया जा सकता है। कुतर्कों पर आप संयत भाषा में क्या ही कहेंगे भला!
एक समाचार अभी यह है कि कुछ अवैध अप्रवासियों को अमेरिका ने अपने यहां से डिपोर्ट कर दिया है। मालवाहक विमान से उसे वापस भेज दिया है।
अगर यह समाचार सही है तो इससे बेहतर बात और क्या होगी भला? अच्छे-खासे अमीर लोग डंकी मार्ग से विदेश जाते हैं। अमीर इसलिए कहा, क्योंकि इस काम के लिए उन्हें एजेंटों को 60 लाख से 1 करोड़ तक देना होता है, ऐसा पढ़ा था कहीं।
तो सोचिए तनिक। अगर आपके पास एक करोड़ रुपया अतिरिक्त हो, तो आपको अपना भविष्य और प्राण संकट में डाल कर अमेरिका या अन्य किसी देश में जाने की आवश्यकता है क्या? इतने पैसे से आप अगर कुछ भी काम शुरू कर लें तो भारत में जीवन आराम से कट जायेगा। सम्मान एवं गौरव से आपका जीवन व्यतीत।
लेकिन, आपकी हवस ही है जो आपसे यह काम कराता है। आप डंकी मार्ग से जाते हुए या तो रास्ते में ठंड और भूख से मारे जाते हैं या फिर जंगलों में वन्य पशुओं का शिकार बनते हैं, या फिर विदेशी तटरक्षकों की गोलियों आदि का। ऐसा जोखिम लेकर विदेश जाने की आखिर ऐसी सनक हो ही क्यों? और अगर हो तो कोई सरकार क्यों आपकी परवाह करे?
जहां तक सवाल ट्रम्प या किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का है, तो उसे अपने स्वयं के देश के हित में अधिकार बनाने, उसे कठोरता से, निर्ममता से लागू करने का अधिकार है। उसका देश अनाथालय तो है नहीं, जहां दुनिया भर के उचक्कों को भर लिया जाय। जिसे जाना हो, वह संबंधित देश के कानूनों और शर्तों का पालन करते हुए जाए, तब अगर कुछ उनके साथ गलत हो, तो देश को हस्तक्षेप का अधिकार है।
लेकिन आप गैर कानूनी तरीके से दूसरे देश में जायें, और जब डंडे-गोली पड़े तो कम्युनिस्टों को कहने का अवसर दें कि देखो कितनी कमजोर है सरकार, कि ‘नमस्ते ट्रम्प’ भी काम नहीं आया। बेहूदा कहीं के।
अबे घोंचू के मुरब्बे। जो अपनी सरकार से पूछ कर नहीं जाते, कानूनों के अनुसार नहीं जाते, तो उसके लिए सरकार क्या कर सकती है भला? भारत ने घुसपैठियों का आतंक झेला है। अभी भी झेल रहा है। कांग्रेस और केजरीवाल जैसों ने इस वोट बैंक के लिए देश को दाव पर लगा दिया है। कांग्रेस तो बांग्लादेशी आतंकियों की भारत में घुसपैठ आसान करने के लिए कानून तक बना दिया था। बार बार न्यायालयों द्वारा उसे रद्द करने के बावजूद वोट की हवस में कांग्रेस उस कानून आईएमडीटी एक्ट पर कायम रही थी। अब ये घुसपैठिए कैसा नासूर हो गये हैं भारत के लिए, यह हम देख ही रहे हैं। देश भर के शहरों को गलीज बना दिया है इन्होंने।
कोई भी सच्चा राष्ट्रभक्त ऐसा नहीं चाहेगा कि किसी भी देश को अवैध अप्रवासियों को भुगतना पड़े। निस्संदेह ट्रम्प ठीक कर रहे। हर देश को ऐसा करना चाहिए। भारत को भी भगाना चाहिए बांग्लादेशी-रोहिंग्याओं को।