सर्वेश तिवारी श्रीमुख : धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किस डोर से लोगों को बांध रहे हैं..?

एक पच्चीस वर्ष का युवा कथावाचक बिहार जैसे राज्य में आता है और दूसरे ही दिन आठ से दस लाख की भीड़ उमड़ पड़ती है, तो यह सिद्ध होता कि अब भी इस देश की सबसे बड़ी शक्ति उसका धर्म है। मैं यह इसलिए भी कह रहा हूँ कि इसी बिहारभूमि पर किसी बड़े राजनेता की रैली में 50 हजार की भीड़ जुटाने के लिए द्वार द्वार पर गाड़ी भेजते और पैसे बांटते हम सब ने देखा है।

यह भी पढ़ें…

Veerchhattisgarh
सर्वेश तिवारी श्रीमुख : भगवान शिव क्यों रोये थे? http://veerchhattisgarh.in/?p=12618


वैसे समय में कहीं दूर से आये किसी युवक को देखने के लिए पूरा राज्य दौड़ पड़े, तो आश्चर्य होता है। मेरे लिए यही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सबसे बड़ा चमत्कार है।


वह दस लाख की भीड़ किसी एक जाति की भीड़ नहीं है, उसमें सभी हैं। बाभन-भुइंहार हैं, तो कोइरी कुर्मी भी… राजपूत हैं तो बनिया भी, यादव भी, हरिजन भी… यह वही बिहार है जहां हर वस्तु को जाति के चश्मे से देखने की ही परम्परा सी बन गयी है। उस टूटे हुए बिहार को एक युवक पहली बार में इतना बांध देता है, तो यह विश्वास दृढ़ होता है कि हमें बांधना असम्भव नहीं। राजनीति हमें कितना भी तोड़े, धर्म हमें जोड़ ही लेगा…
आयातित तर्कों के दम पर कितना भी बवंडर बतिया लें, पर यह सत्य है कि इस देश को केवल और केवल धर्म एक करता है। कश्मीर से कन्याकुमारी के मध्य हजार संस्कृतियां निवास करती हैं। भाषाएं अलग हैं, परंपराएं अलग हैं, विचार अलग हैं, दृष्टि अलग है, भौगोलिक स्थिति अलग है, परिस्थितियां अलग हैं, फिर भी हम एक राष्ट्र हैं तो केवल और केवल धर्म के कारण! धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उसी धर्म की डोर से सबको बांध रहे हैं।


कुछ लोग उनके चमत्कारी होने को लेकर उनकी आलोचना करते हैं। मैं अपनी कहूँ तो चमत्कारों पर मेरा अविश्वास नहीं। एक महाविपन्न परिवार से निकला व्यक्ति यदि युवा अवस्था में ही देश के सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल हो जाता है, तो इस चमत्कार पर पूरी श्रद्धा है मेरी…

लेख पसंद आए तो अपने ग्रुप्स में शेयर करें.. महत्वपूर्ण लेख लिंक पर पढ़ें… http://veerchhattisgarh.in/

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने समय के मुद्दों पर स्पष्ट बोलते हैं, यह उनकी शक्ति है। नवजागृत हिन्दू चेतना को अपने संतों से जिस बात का असंतोष था कि वे हमारे विषयों पर बोलते क्यों नहीं, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उस असन्तोष को शांत कर रहे हैं। यह कम सुखद नहीं…
कुछ लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को रोकने के दावे कर रहे थे। मैं जानता हूँ, उन्हें ईश्वर रोके तो रोके, अब अन्य कोई नहीं रोक सकेगा… धीरेंद्र समय की मांग हैं। यह समय ही धीरेंद्र शास्त्री का है।
मैं स्पष्ट मानता हूँ कि यह भारत के पुनर्जागरण का कालखंड है, अब हर क्षेत्र से योद्धा नायक निकलेंगे। राजनीति, धर्म, अर्थ, विज्ञान, रक्षा… हर क्षेत्र नव-चन्द्रगुप्तों की आभा से जगमगायेगा। देखते जाइये…

सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *