पवन विजय : अयोध्या में दीपोत्सव के मायने…
अयोध्या का दीपोत्सव हमारी सांस्कृतिक स्वातंत्र्य का उद्घोष है। देश के इतिहास में कई ऐसे क्षण होते हैं जब उसकी दशा और दिशा बदल जाती है। दियों का जगमगाना ऐसे ही क्षण का साक्षी होना है।
अयोध्या का दीपोत्सव विजय उद्घोष है हजार साल के सतत चलने वाले युद्ध का, शायद करोड़ों आत्माएं इस दिन को देखने के लिए मोक्ष प्राप्त करना अस्वीकार कर दिया होगा। इन दियों की लौ देखकर, अयोध्या की सज धज देखकर ही उन्हें शांति मिलेगी और वे अपने धाम जाएंगी।
अयोध्या का दीपोत्सव भारत की पहचान का उद्घोष है, कब्र में लेटे मुर्दों से मुक्ति का उद्घोष है, भारत के लोगों की आकांक्षा क्या है उसके मूर्त स्वरूप का उद्घोष है।
अयोध्या का दीपोत्सव भारत की एकता का उद्घोष है, देश के कण कण में राम हैं इस भाव के नाम का दिया अवध में बाला गया है।
अयोध्या का दीपोत्सव परिवार, समाज, धर्म और राष्ट्र के प्रति उच्चतम आदर्शों को स्थापित करने का उद्घोष है। समरसता, न्याय, अशोक स्थापित होने का उद्घोष है।
अयोध्या का दीपोत्सव भारत के खंडात्मक विभाजन के अखंड होने का उद्घोष है। एक नए सूर्य के उगने का उद्घोष है। एक नई शक्ति, एक नए विश्वास, एक नई ऊर्जा और उल्लास के भाव के स्थापित होने का उद्घोष है।
अयोध्या का दीपोत्सव हमारे सामूहिक सामर्थ्य का उद्घोष है साथ ही असंख्य हुतात्माओं के प्रति हमारी कृतज्ञता का द्योतक है। इस क्षण एक नए भारत को मूर्तिमान देखते हुए अपने पूर्वजों को याद कीजिएगा, पुरखों के पुण्य प्रताप और बलिदान से यह दिन देखने का सौभाग्य मिलेगा।
अयोध्या का दीपोत्सव पूंजीवाद और साम्यवाद से जूझती दुनिया को रामराज्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।
जय श्रीराम 🙏