डॉ. पवन विजय : धरती के गीत सुने आपने?

धरती के गीत

धान रोपते वक्त जो गीत गाये जाते उनकी माधुर्यता की तुलना गाय के कच्चे दूध से ही हो सकती है। उतने ही पवित्र, उतने ही सुगंधित, उतने ही स्वादिष्ट और उतने ही धवल। श्रम देवियों के कंठ से फूटते गीत की कस्तूरी चावल में गंध बनकर बस जाती है। चावल का दाना उस गाथा का साक्ष्य बन जाता है जिसे आधुनिक इतिहासकार शायद ही कभी देख पाएं, वह गाथा जो परिवार में, समाज में, संस्कृति में दुःख सुख के रूप में पैवस्त है, स्त्रियों की गोपन कहानियां, उनके भाव, उनकी इच्छाएं सब का साक्षी होता है धान का पौधा।

रुक्मिनी और जादूगर की कहानी आपको धान लगाते उन गीतों में मिलती है। सात भाइयों की दुलरैति बहन किस तरह जादूगर के कब्जे में पहुंच जाती है, फूल और मोर कैसे रुक्मिनी से व्यवहार करते हैं, यह कहानी जब अम्मा मुझे सुनाती थी तो मेरा कलेजा फटता था, मुट्ठियां कस जाती थीं और मन करता था कि जादूगर सामने आ जाए तो उसे कच्चा चबा जाऊं फिर मैं मां के दूसरे तरफ सोते अपनी बहन का फूल सा चेहरा देखता, हर दुष्ट जादूगर से बहनों को बचाने का संकल्प मन ही मन लेने लगता।

धान का पौधा बहनों के दुःख को जानता है तभी तो बहन की बिदाई के समय कोंछ धान से भर दिया जाता है, खिचड़ी वाले दिन धान बहन के घर पहुंच जाता है।

श्रम देवियां गाती हैं,

सातो रे भइयवन के एक है दुलरिया
देखि देखि पापी बोले कईसन बोलिया
कटरिया ज्यों निकारो रे छोटी ननदी
मुरैला मारई जाबे रे छोटी ननदी

बरसात छक छक हो रही है, पल्लू कमर में कसकर खोंस लिए गए हैं, स्वर ऊंचे होते जा रहे हैं..

समवेत गान गूंजता है,

मुरैला मारई जाबे रे छोटी ननदी
एक हाथ लेले हउवे बांस के चंगेरिया
दुसरके तलवारिया रे छोटी ननदी
मुरैला मारई जाबे रे छोटी ननदी

घटाटोप अन्हियारी छा गई है, चारो तरफ की हरियाली सिवान ढक रही है, नहर का लबालब पानी खेत में आ रहा, दूसरे खेत में भी घार काट दिए गए हैं। हेंगा पर बैठे खेत में पलेवा लगाते मेरे कान गीतों पर हैं, ऐसा लगता है धान संतान रूप में आ गया हो और सोहर उठ रहे हों। इतनी खुशी, उल्लास और लय के साथ मैंने किसी को काम करते शायद ही देखा हो, तभी तो धान अक्षत बनकर देवता के चरण तक पहुंचता है, मनुष्यों के माथे पर लग कर उन्हें सौभाग्यवान बनाता है।

धान लगाते हुए झुकी घूमती स्त्री को देखकर साढ़े तेइस डिग्री पर झुकी और घूमती धरती की याद आती है, शायद धरती भी कोई गीत गा रही है।

धरती के गीत सुने आपने?

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