सतीश चंद्र मिश्र : निर्दयी हैं PM मोदी.. प्रधानमंत्री पद से मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री पद से शिवराज सिंह चौहान कल सुबह इस्तीफा दे देंगे…

बड़ा निर्दयी प्रधानमंत्री है…
चौबीसों घंटे ब्रेकिंग न्यूज और Exclusive न्यूज का नगाड़ा बजाने वाले न्यूजचैनली गिरोहों के पास ना कोई Exclusive न्यूज होती है ना कोई ब्रेकिंग न्यूज होती है। यह गिरोह “चिड़िया उड़, तोता उड़, कउव्वा उड़” वाले बच्चों के खेल की तरह केवल अपनी अटकलों के चिड़िया, तोते, कउव्वे उड़ाता रहता है।
जब कभी कोई अटकल सही हो जाती है तो सब मिलकर यह हुड़दंग शुरू करते हैं कि सबसे पहले हमने यह खबर दिखाई थी
देश का उपराष्ट्रपति कौन बनेगा इस बात को लेकर इन्हीं न्यूजचैनलों ने लगभग 10 नामों को उछाल कर अपनी अटकलों का “चिड़िया उड़, कउव्वा उड़” वाला हुड़दंग शुरू कर दिया था। लेकिन उन सभी नामों की सूची में जगदीप धनखड़ का कोई जिक्र तक नहीं था। आज जब उनके नाम की घोषणा हुई तो इन न्यूजचैनलों के चेहरे पर अंग्रेजी का मुहावरा “Egg on their faces.” चिपका दिखायी दिया।
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पिछले 8 वर्षों से देश यह तमाशा देख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इन्हें अपने या अपनी सरकार के आसपास भी नहीं फटकने दे रहे।
2014 तक मंत्री बनवाने हटवाने का ठेका लेकर सत्ता के गलियारों के “दलाल-बादशाह” बने रहे इन लकड़बग्घों को पिछले 8 सालों से प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता के गलियारों की घास तक सूंघने का मौका नहीं दिया है और सत्ता के गलियारों से तड़ीपार कर रखा है।
वाकई बहुत निर्दयी हैं प्रधानमंत्री मोदी।
……….
इसे कहते हैं ईको सिस्टम…!!!
मप्र स्थानीय निकाय चुनाव में ग्वालियर में भाजपा की हार पर विपक्षी फौज और लुटियन मीडिया के उसके बजरबट्टू ऐसे नाच रहे हैं मानो इस हार के कारण प्रधानमंत्री पद से मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री पद से शिवराज सिंह चौहान कल सुबह इस्तीफा दे देंगे।
जबकि इस निकाय चुनाव के परिणाम का सच यह है कि जिस ग्वालियर में भाजपा का मेयर प्रत्याशी हारा है, वहां 66 वार्डों में से 34 (52%) वार्डों में भाजपा के पार्षद ही जीते हैं और कांग्रेस के 25 (37%) पार्षद ही जीते हैं। कांग्रेस की जो प्रत्याशी मेयर पद पर जीती है, पूर्व में वो भी भाजपा की ही पार्षद रही है। अतः ग्वालियर में मेयर पद के भाजपा प्रत्याशी की हार प्रत्याशी चयन में हुए नेताओं के गुप्त खेल की धज्जियां सार्वजनिक रूप से उड़ा रही है। खुशी से नाच रही विपक्षी फौज के नाच का महत्व बिना टिकट के तमाशे से अधिक नहीं है।
मप्र के स्थानीय निकाय के चुनाव परिणाम का सच यह भी है कि….
11 नगरनिगमों में से 7 (64%) में भाजपा का मेयर जीता है।
36 नगरपालिकाओं में से 27 (75%) में अध्यक्ष पद पर भाजपा का कब्जा हुआ है।
86 नगर परिषदों में से 64 (75%) में अध्यक्ष पद पर भाजपा का कब्जा हुआ है।
पूरे मप्र में विपक्ष अगर अपनी इतनी बुरी हार पर भी मुदित और मगन है तो ये कमाल उसके ईको सिस्टम का है जो उसके मुंह पर पुती कालिख को बहुत शानदार बता रहा है।

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