समर प्रताप : अग्निवीर ऐसे सफल होगी.. मार्केटिंग टाटा नैनो की तरह गलत हुई…
अग्निवीर योजना सरकार के गले की फांस बनी है।सरकार अपने अहंकार में इसे वापिस नही लेगी लेकिन हमारे एक कहावत है मुर्गी दे तो देगी लेकिन थोड़ा इधर उधर उड़कर फिर दडवे में घुसकर देगी।
तो ये भी बदलेंगे जरूर लेकिन तब मुद्दा विपक्ष के नाम से बदली होगा।
संसद में अगर आप इस योजना को लेकर आते पहले देश को इसका पैटर्न बताते उसपर बहस करते फिर पास करवाते तो जनता को भी पता चलता कि इसमें सही और बुरा क्या है।
अब आप चाहे कितना भी बोल लो कि इसमें ये है वो है ये बात आम जनता को समझ नही आएगी।
इस योजना का विपक्ष द्वारा इतना दुष्प्रचार है कि आम पब्लिक सिर्फ एक बात बोलेकर खत्म कर देती है कि सरकारी नौकरी छीन ली।
कोई भी ये बात समझा ही नही पाया कि सेना की वेकेंसी सेम है।ये मात्र एक्सट्रा जॉब के तौर पर है जिनमे से सेना को जितने चाहिए वो चार साल बाद ले लिए जाएंगे।
और जो इस दौरान जोखिम में है उन्हें उसके बदले पैसे से या भत्तों से सम्मान मिलेगा।
अब मात्र आम पब्लिक के मन मे ये है कि अफसर पक्के जवान कच्चे है और किसी भी लोकतंत्र में ये भेदभाव कोई सहन नही करेगा।
मार्केटिंग बहुत बड़ी चीज होती है आप इसकी मार्केटिंग नही कर पाए।
विदेशों में भी अग्निवीर है ये है वो है कोई नही समझेगा।
लोकतंत्र वोट से चलता है जनता इस मुद्दे पर आपको हरा के भी इसे चेंज करवा लेगी फिर क्या करेंगे ?????
अग्निवीर की मार्केटिंग वैसे ही गलत हुई है जैसे नैनो कार की।और खुद रत्न टाटा ने कहा कि नैनो को सबसे सस्ती कार बोलना ही इसके फैलियर का कारण बना।कोई पैसे भी लगाए और उसे देखते ही कि इससे तो बाइक अच्छा बोल दे तो क्या फायदा।
बस ऐसे ही अग्निवीर की मार्केटिंग गांवो में सिर्फ सरकारी फ़ौज की इज़्ज़त की नौकरी खत्म होने तक है।
उससे आगे कोई नही सोचता है।
आपके नेता दस साल से सत्ता के मजे में चूर है,वो उसी लाइन पर चल रहे है जिस लाइन पर आडवाणी जी ने रथ यात्रा की थी लेकिन अब वो मुद्दे खत्म है आप सत्ता में हो।
आम पब्लिक के मुद्दे पकड़ने होंगे।
अग्निवीर राजपूत, जाट,अहीर,गुजर,ब्राह्मण और तमाम जातियों के लिये उनकी नोकरी खाने जैसा है क्योकि वो बाकी ओबीसी के जैसे दुकान,दर्जी,हेयर कटिंग,लुहार ,कारपेंटर के काम नही करना चाहते है आज भी।
आपको उत्तर भारत मे बचाव करना मुश्किल हो जाएगा।
हाआं आपके पास तरीका है,न्यूज में आओ और सीधे बोलो की अग्निवीर योजना को वापिस लिया जा रहा है।
सामान्य सैनिकों की भर्ती पहले के जैसे बीआरओ और ट्रेनिंग सेंटर में की जाएगी।
लेकिन जो कुछ साल देशहित में सेवा करना चाहे उनके लिये अग्निवीर इसी पैटर्न पर लागू रहेगी।
और उन्हें सेम भत्ते और लाभ मिलेंगे।
4 साल के बाद अगर वो सेना में जाना चाहे तो उन्हें आरक्षण या कुछ नम्बर की छूट मिलेगी।
काम वही होगा बस आपको दो चीजें अलग करके समझानी है।लेकिन आप समझना ही नही चाहोगे।