राजीव मिश्रा : आज मैं भारत में रहता तो कितना टैक्स देता..!!

भारत में टैक्स को लेकर रोना धोना मचा है. वैसे मैं बजट नहीं देखता सुनता, लेकिन इस बार का रोना धोना कुछ ज्यादा ही उग्र था तो गूगल कर लिया…

गूगल तो बता रहा है कि टैक्स स्लैब वही हैं, कोई बदलाव नहीं हुआ है. फिर यह रोना धोना किस बात का है, यह समझ नहीं आया… लोगों ने तो मोदी की चूलें हिलाने और जड़ उखाड़ने की कसमें खा रखी हैं. राहुल गांधी तक की दुहाई दे रहे हैं जो आपकी इनकम ही नहीं, आपके बाप दादों की कुल जमा संपत्ति का भी हिसाब लगाए बैठा है.

मैंने हिसाब लगाया कि अगर आज मैं भारत में रहता तो कितना टैक्स देता और उससे बड़ी बात कि किस टैक्स स्लैब में आने पर मैं क्या लाइफ अफोर्ड कर सकता.

जहां तक मुझे समझ में आया (ऊपर नीचे हो तो करेक्ट कर दें…) अगर भारत में मैं सालाना पंद्रह लाख कमाता तो डेढ़ लाख टैक्स देता. यानि दस प्रतिशत. अगर दो लाख प्रति महीना भी कमाता (24 लाख सालाना) तो 4 लाख 20 हजार टैक्स देता, यानि 27%.

इंग्लैंड में मेरा टैक्स कितना है यह हिसाब भी नहीं लगाता हूं. इतना जानता हूं कि जो पैसे अकाउंट में आते हैं वह ग्रॉस सैलरी का आधे से कम होता है. जो भी खर्च करता हूं, उसमें हर चीज पर 20% VAT होता है.

अब आप कहेंगे कि इस पैसे से इंग्लैंड में सरकार बहुत कुछ देती है. यह झूठ है. इस पैसे से सरकार मुझे कुछ नहीं देती. बिजली पानी प्राइवेट कंपनियां देती है, सड़क का अलग टैक्स लेती है. साफ सफाई का काउंसिल टैक्स अलग है जो मेरी इनकम का 5% के लगभग पड़ता है. हॉस्पिटल के लिए NI टैक्स अलग है. एक सरकारी स्कूल फ्री में मिलता है. ठीक ठाक इनकम वाला कोई भी व्यक्ति अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने की इच्छा रखता है जो हम जैसों की औकात से बाहर की बात है.

हमारे टैक्स से जो भी मिलता है वह देश के निकम्मों और कामचोरों को मिलता है. और जो मिलता है वह सिर्फ मुफ्त अनाज नहीं होता. मुफ्तखोरी पर जीने वाला बंदा काम करने वाले बंदे से अच्छे घर में रहता है, अच्छे कपड़े जूते पहनता है, उसके घर में मुझसे बड़ा टीवी और स्काई टीवी का कनेक्शन होता है (बता दूं, टैक्स के मारे मेरे घर में टीवी का कनेक्शन तक नहीं है).

भारत में आज भी इनकम टैक्स बहुत कम है, और उससे बड़ी बात है कि बहुत कम लोग इस टैक्स के दायरे में आते हैं. आप जिस पैसे में इस 30% टैक्स के दायरे में आते हैं, उस पैसे में आप जो जीवन जीते हैं, वह यहां के मिलियनर्स को भी नहीं मिलता. यहां पर आदमी हजार पाउंड प्रति महीना भी कमाता है तो वह 20% टैक्स के दायरे में आ जाता है, जबकि हजार पाउंड में वह जिंदा भी नहीं रह सकता. इतना तो एक छोटे शहर में एक कमरे का किराया हो जायेगा.

इनकम टैक्स से हमें क्या मिला तो पूछिए भी मत. यह बहुत बड़ा ट्रैप है. सरकारें आपको कुछ देने के लिए नहीं होती, आपसे लेने के लिए होती हैं. इनकम टैक्स से आपको सरकार मिलती है, और कुछ नहीं मिलता. सरकार आपके लिए पुलिस, सेना और ज्यूडिशियरी होती है. आप यह पूछिए कि आपके टैक्स से आपको कैसी सरकार मिली. उसने आपकी सुरक्षा की या नहीं की. क्या दूसरी सरकार आपको उससे बेहतर सुरक्षा दे रही है…वह ले आइए. लेकिन सरकार से और कुछ मत मांगिए. मांगियेगा, तो और मुश्किल में फंसिएगा.

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