ध्रुव कुमार : नैरेटिव.. पुरोहित और पुजारी ही अंधविश्वास बढ़ाने वाला, लुटेरा और धूर्त होता है..
अम्बानी के लड़के की शादी में जस्टिन वीवर एक प्रोग्राम के लिए अस्सी करोड़ ले गया, ग्रेटा भी दो दिन परफॉर्मेंस के लिए लगभग सौ करोड़ ले गई।
बॉलीवुड के नचनियां और मूर्ख भी अम्बानी से करोड़ो पा गए लेकिन शायद ही किसी ने उन्हें गरीबों का शोषक, अत्याचारी, लुटेरा कहा हो बल्कि उनकी कला की प्रशंसा की गई।
हां अंबानी की आलोचना यदि कुछ लोग कर रहे हैं तो वो उनके दिखावे के लिए कर रहे हैं ना कि इन कलाकारों को गरिया रहे हैं।
लेकिन यदि अभी लोगों को यह पता चल जाए कि अम्बानी किसी पुरोहित और विवाह कराने वाले पण्डित को करोड़ों रुपये दिए हैं।
तो सारे वामपंथी, लिबरल, जातिवादी और तथाकथित राष्ट्रवादी उस पण्डित को तो गालियां देंगे ही, बल्कि सारे ब्राह्मणों को शोषक, लुटेरा, अंधविश्वास के नाम पर लूटने वाले, हिन्दू समाज की एकता विरोधी आदि इतनी गालियां देते कि स्वयं को ब्राह्मण बताते हुए भी शर्म आने लगती।
बाकी सब अपनी योग्यता, प्रतिभा और कला के दम पर कमाते हैं बस बेचारा पूजा कराने वाला, कथा कहने वाला, विवाह संस्कार कराने वाला पुरोहित और पुजारी ही अंधविश्वास बढ़ाने वाला, लुटेरा और धूर्त होता है।
बस यही नैरेटिव है।
