सतीश चंद्र मिश्रा : मोदी सरकार..भाग-2_दुबई से सेना के हथियारों के देशद्रोही दलाल को बाथरूम से जांघिये में घसीटकर जहाज में लादा..
ये हैं वो देशद्रोही गुनाहगार जो सेना के हथियारों की दलाली खाने का जघन्य पाप करते हैं..
सवाल पूछिये लेकिन सोच समझ कर…
(लेखक श्री सतीश चंद्र मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विषयों के विश्लेषक हैं)
कल लिखे गये मेरे पिछले लेख “ये हैं वो देशद्रोही गुनाहगार जो सेना के हथियारों….” पर कई लोगों ने सवाल पूछे। उन सभी सवालों का सुर और सार एक ही था कि सरकार क्या कर रही है.? सरकार कुछ कर क्यों नहीं रही है.? सरकार उन्हें जेल में क्यों नहीं डाल रही है.?
ऐसे लोगों की जानकारी के लिए बता दूं कि जांच एजेंसियां अपनी जांच के बाद सबूतों के साथ अदालत में चार्जशीट बहुत पहले दाखिल कर चुकी हैं। डेढ़ साल पहले 2 सप्लिमेंटरी चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी हैं। इसलिए आगे की कार्रवाई करने, उन्हें सजा देने का काम अब सरकार को नहीं, अदालत को करना है।
सरकार को क्या करना था, उसने क्या किया.?
अब यह भी जान लीजिए।
पहली कार्रवाई : क्रिश्चियन मिशेल तीन सालों से जेल में बंद है। उसके कई बैंक एकाउंट्स और संपत्तियों को ईडी जब्त कर चुकी है। ईडी की यह कार्रवाई कितनी सघन है, इसका अनुमान केवल एक तथ्य से लगा लीजिए कि तलाकशुदा क्रिश्चियन मिशेल की पूर्व पत्नी की पेरिस स्थित संपत्ति तक को ईडी जब्त कर चुकी है।
दूसरी कार्रवाई : क्रिश्चियन मिशेल के दलाली के धंधे में सहायक उसके सबसे खास गुर्गे राजीव सक्सेना की 385 करोड़ रूपये की संपत्ति ईडी जब्त कर चुकी है। मां बेटा बेटी दामाद की दो नंबरी कमाई को खपाने, सेट करने का काम करने वाले कुख्यात अंतरराष्ट्रीय दलाल राजीव सक्सेना को 30 जनवरी 2019 को भारतीय जांच एजेंसियों के जाबांज अधिकारियों ने दुबई स्थित उसके घर के बाथरूम से घसीट कर दुबई के एक निजी हवाई अड्डे पर खड़े विशेष भारतीय विमान में बिना किसी औपचारिकता के आननफानन में जब लाद दिया था तो उसके शरीर पर केवल जांघिया मात्र था। सक्सेना को हवाई जहाज में ही कपड़े पहनाए गए थे। 2 साल जेल काटने के बाद सरकारी गवाह बनने की उसकी अर्जी स्वीकारने के बाद कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है।
तीसरी कार्रवाई : इसी गिरोह के दीपक तलवार, गौतम खेतान, सुशेन गुप्ता की भी सैकड़ों करोड़ की प्रॉपर्टी ईडी जब्त कर चुकी है। उल्लेख कर दूं कि लंदन में वीवीआईपी दामाद का 19 करोड़ का एक दो नम्बरी फ्लैट है। इसबात का पता तो पूरे देश को एक 3-4 बरस पहले लग गया था। लेकिन मिशेल, गुप्ता, खेतान, भंडारी की गिरफ्तारी के बाद उन लोगों द्वारा उगले गए राजों से ईडी को नाम पते सहित यह पता चला है कि वीवीआईपी दामाद का लंदन में 19 करोड़ का केवल एक फ्लैट नहीं है। वीवीआईपी लंदन में कम से कम 350-400 करोड़ की कीमत वाली 9 कोठियों का दो नम्बरी बेनामी मालिक है। बेनामी होने के कारण दमदवा सीधे पकड़ में नहीं आया है लेकिन उन बेनामी सम्पत्तियों से अपने हाथ पैर मुंह सब धो चुका है। हराम की कमाई वाली 350-400 की उसकी भैंस पानी में डूब चुकी है।
इसी तरह गौतम खेतान से 500 करोड़ की दो नम्बरी रकम का हिसाब किताब लेने के लिये जांच एजेंसियां 31 जनवरी 2019 तक जूझ रहीं थीं। लेकिन 31 जनवरी को जब इसी गिरोह का मुख्य दलाल संजय भंडारी यूएई से अचानक गायब हुआ तो जांच एजेंसियां गौतम खेतान से 500 करोड़ नहीं बल्कि उसके सिंगापुर वाले बैंक एकाउंट में जमा हुए 5800 करोड़ की रकम का हिसाब किताब भी मांग रहीं हैं। उन्हें क्या कितनी और कैसी सफलता मिली है.? यह तथ्य एजेंसियों को पता है। लेकिन मुझे यह जरूर पता है कि आजादी के बाद अबतक के 75 वर्ष के इतिहास में इस सरकार ने पिछले 7 वर्षों में जितनी और जैसी कार्रवाई की है किसी सरकार ने उसकी 2 प्रतिशत कार्रवाई भी कभी नहीं की।
रही बात मां बेटे दामाद के जेल जाने की तो तीनों पिछले कई वर्षों से किसी सरकारी कृपा के कारण नहीं, बल्कि कोर्ट की जमानत की कृपा के कारण छुट्टे सांड़ की तरह घूम रहे हैं। इसकी भी बड़ी लंबी कहानी है। किसी दिन उदाहरण के साथ उसपर भी बहुत जल्दी लिखूंगा। बस इतना याद दिला दूं कि 2G घोटाले में पकड़े गए कनिमोझी, राजा, मारन समेत सभी वीवीआईपी लोगों को दिल्ली की अदालत ने निर्दोष घोषित कर दिया था। क्या था वह खेल इसका जिक्र उसी कहानी में करूंगा।
मैं उपरोक्त संदर्भों में सरकार से इसीलिए सवाल नहीं पूछता। मुझे शत प्रतिशत विश्वास है इस सरकार पर कि आजादी के बाद देश को पहली बार इतनी ईमानदार सरकार मिली है। इसलिए कम से कम मेरे लेखों पर अगर सवाल पूछिये तो सोच समझ कर पूछिए क्योंकि तथ्यों तर्कों से मैं जबतक स्वयं संतुष्ट नहीं हो जाता, तबतक अपनी वॉल पर उसे नहीं लिखता।
(पुनः प्रकाशित)