PM मोदी ने “कांग्रेस और उसके चट्टे बट्टे..” क्यों और किसे कहा..!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा अनुसूचित जनजाति , अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण मुस्लिमों में बांटने नहीं देगी। पीएम मोदी अपने भाषणों में विपक्षी दलों पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने की की घोषणा का लगातार विरोध कर रहे हैं।
तेलंगाना के जहीराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विगत दिनों कहा, “कांग्रेस वाले सुन लें… उनके चट्टे-बट्टे सुन लें… उनकी पूरी जमात सुन ले… जब तक मोदी जिंदा है, मैं दलितों का, एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण धर्म के आधार पर मुसलमानों को नहीं देने दूंगा… नहीं देने दूंगा।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “कांग्रेस फिर से देश को उन्हीं पुराने दिनों में ले जाना चाहती है। अगर कांग्रेस सत्ता में आ गई तो वे विरासत कर लाएँगे। कांग्रेस विरासत (माता-पिता से प्राप्त धन-संपत्ति) पर टैक्स लगाकर आपकी 55 प्रतिशत संपत्ति पर कब्जे की योजना बना रही है।” इससे पहले भी पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था।
पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह धर्म के आधार पर देश में आरक्षण लागू नहीं होने देंगे। भारत का संविधान भी धर्म के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था पर रोक लगाता है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी कहा है कि कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम समुदाय की सभी जातियों को ओबीसी में शामिल कर लिया है जो संवैधानिक रूप से गलत है।
दरअसल, देश में आरक्षण की व्यवस्था धर्म के आधार पर ना होकर सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित लोगों के लिए है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी नीति का विरोध कर रहे हैं।
जिन राज्यों में धर्म के आधार पर दिया जा रहा है, उनमें दक्षिण भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में मुस्लिमों की पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिल रहा है। इसके कर्नाटक में भी मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया जाता था, लेकिन राज्य में जब भाजपा की सरकार आई तो उसने इसे खत्म कर दिया।

देश में कुछ राज्यों में अल्पसंख्यक वर्ग को अब भी आरक्षण दिया जा रहा है। आरक्षण देने के लिए इन राज्यों में अल्पसंख्यक वर्ग को आरक्षण देने के लिए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की कैटेगरी में लाकर इस तरह जिन राज्यों में अल्पसंख्यक वर्ग को आरक्षण दिया जा रहा है, वह अन्य पिछड़ा वर्ग के हिस्से में सेंधमारी कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार आने के बाद इस आरक्षण को दोबारा देने की कोशिश की गई, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया और कोर्ट ने फिलहाल इस पर स्टे लगा रखा है। भाजपा का कहना है कि उसने राज्य में मुस्लिम आरक्षण को समाप्त करके भारत के संविधान की रक्षा करने का काम किया है। धर्म के आधार पर आरक्षण का गृहमंत्री अमित शाह ने भी विरोध किया है।

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