कोरोना_सर्वे : विदेशी मीडिया ने किया पक्षपाती कवरेज.. भारत की छवि खराब करने के लिए विपक्ष की गैरजिम्मेदाराना राजनीति मुख्य कारण

केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की पहली लहर का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह सामना किया, उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि मजबूत हुई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की  शुरूआत करने के साथ वैक्सीन डिप्लोमेसी के आधार पर विकसित देशों के मुकाबले मोदी सरकार ने बढ़त बना ली। मानसिक अवसाद से भरे विकृत मानसिकता के मोदी विरोधियों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार और देश की छवि खराब करने का असफल प्रयास किया । इसका खुलासा IIMC (भारतीय जन संचार संस्थान) द्वारा किए गए एक सर्वे से हुआ है। सर्वे के अनुसार 82 प्रतिशत भारतीय मीडियाकर्मियों की राय में पश्चिमी मीडिया ने भारत में कोरोना महामारी की कवरेज में पक्षपात किया।

दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (Delhi based Indian Institute of Mass Communication) की ओर से किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, 82 फीसद भारतीय मीडियाकर्मियों की राय में पश्चिमी मीडिया की कोरोना काल के दौरान भारत में महामारी की रिपोर्टिग पक्षपातपूर्ण रही। 69 प्रतिशत मीडियाकर्मियों का मानना है कि इस कवरेज से विश्व स्तर पर भारत की छवि धूमिल हुई है। वहीं, 56 फीसद का कहना है कि ऐसी कवरेज से विदेश में बसे प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति नकारात्मक राय बनी है।
आइआइएमसी के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी के अनुसार संस्थान के आउटरीच विभाग की ओर से यह सर्वेक्षण जून 2021 में किया गया था। इसमें देश भर से कुल 529 पत्रकारों, मीडिया शिक्षकों और मीडिया स्कालर ने हिस्सा लिया। सर्वेक्षण में शामिल 60 फीसद मीडियाकर्मियों का मानना है कि पश्चिमी मीडिया ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने की कोशिश की है।

सर्वेक्षण में यह भी समझने की कोशिश की गई कि महामारी के दौरान पश्चिमी मीडिया में भारत के विरुद्ध यह नकारात्मक अभियान वास्तव में कब शुरू हुआ। इसके जवाब में 38 फीसद लोगों ने कहा कि यह अभियान दूसरी लहर के दौरान उस समय शुरू हुआ जब भारत महामारी से लड़ने में व्यस्त था, जबकि 25 फीसद मीडियाकर्मियों का मानना है कि यह पहली लहर के साथ ही शुरू हो गया था।

Veerchhattisgarh

वहीं 21 फीसद का मानना है कि भारत के खिलाफ नकारात्मक अभियान तब शुरू हुआ जब भारत ने कोरोना रोधी वैक्सीन के परीक्षण की घोषणा की। सर्वेक्षण में एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया कि 63 फीसद लोगों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने वाली पश्चिमी मीडिया की नकारात्मक खबरों को इंटरनेट मीडिया पर साझा नहीं किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *