कौशल सिखौला : राहुल गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे या पित्रोदा.. चुनाव से पहले घोषणा करें कि आपने अपनी हजारों करोड़ की संपत्ति राष्ट्र के नाम कर दी है ?

मैं और आप जो कमाते हैं हमारे मरने के बाद हमारे बच्चों के काम आता है । मां बाप जो छोड़ गए , आशीर्वाद स्वरूप हमारे काम आया । दादा परदादा की संपत्ति भी हमारी , हमारे जाते ही बच्चों की । लोग कमाते ही इसलिए हैं । राहुल गांधी या खड़गे में या पित्रोदा में इतना दम कहां से आ गया जो हमारी विरासत को आधा छीनकर सरकारी खजाने में ले जाएं ? वैसे आप ज्यादा बच्चों वालों के इतने बड़े समर्थक हैं तो चुनाव से पहले घोषणा करें कि आपने अपनी हजारों करोड़ की संपत्ति राष्ट्र के नाम कर दी है ?

जब आपको इस कदर भरोसा है अपने प्रधानमंत्री बनने पर तो साहब कर दीजिए घोषणा ? साथ साथ इंडिकेट वालों से भी पूछ लीजिए कि आपके घोषणापत्र से वे राजी हैं । यह भी कि गठबंधन में आपको पीएम बनाने के लिए कोई तैयार है ? लालू जैसे लोग बनाएंगे आपको प्रधानमंत्री ? पहले अखिलेश , स्टालिन , शरद पवार , उद्धव , ममता आदि से पूछ तो लेते ? अमेरिका में बैठे आपके मुख्य सलाहकार सैम क्या यह सोच रहे हैं कि सरकार अकेले कांग्रेस की ही आ रही है ?

देखिए बात निकली है तो दूर तलक जाएगी । नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित जनगणना की बात शुरू की थी । लालू अखिलेश उठाते तो और बात थी , राहुल गांधी जातपात खेलने लगे । उन्हें लगा कि खेल असरदार है तो लोगों की संपत्ति छीनकर ज्यादा बच्चों वालों को बांटने वाला घोषणापत्र ले आए । अब ले आए तो मनमोहन सिंह के वक्तव्य भी सामने आ गए।

लेकिन सैम पित्रोदा ने तो जड़ ही खोद डाली । जिस अमेरिकी कानून को अमेरिकी जनता सख्त नापसंद करती है , अपने मित्र राहुल को सपोर्ट करते बार बार उसी की वकालत करने लगे । एक तरफ राहुल गांधी देश वासियों का वित्तीय एक्सरे करने की घोषणा कर रहे हैं और दूसरी ओर पित्रोदा आधी डकारने की । अब मोदी जैसे बातों को पकड़ने वाले धुरंधर वक्ता सामने हों तो भभूत तो झडनी ही थी , झड़ गई । कितनी भी सफाई दीजिए , यह चुनाव हैं , यहां माफ कौन करता है ?

चुनाव सम्पन्न होने में सवा महीना बाकी है । तो बोलिए , चाहे कितना बोलिए , मोल तोलकर बोलिए । देश की जनता शब्द पकड़ती है और सोशल मीडिया तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स गदर मचा देती हैं । समय सुपरफास्ट गति से दौड़ता है । कांग्रेस नेता लाख सफाई देते रहें , सुप्रिया श्रीनेत लाख आंखें तरेरती रहें , तीर तो जिगर के पार निकल गया । आप गीत गाते रहें , सुनता कौन है । राहुल गांधी जितना बोलते हैं , उसका 75% बीजेपी के काम आता है । अब सैम भी उसी जमात में शामिल हो गए हैं । कांग्रेस घोषणापत्र लोगों का धन छीनकर ज्यादा आबादी वालों को बांटने की बात कर रहा था , सैम ने आग ही लगा दी । यह आम चुनाव है बाबू जो बोला वह भुगतना पड़ेगा । जमाने का दस्तूर यही है।

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