PM मोदी बोले – “पता चलता है पैसे का हिसाब.. ED-CBI के कानून पुराने.. मैंने 20 हजार को ढाई हजार कर दिया” 

पहले तो प्रधानमंत्री एक साइन करके इलेक्शन कमीशन बना देते थे, आज तो उसमें विपक्ष भी रहता है। उन्होंने ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’ कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि ये कभी ED, कभी CBI, कभी EVM का बहाना निकालेंगे, मूलत: वो अपनी पराजय के लिए रीजनिंग पहले से सेट करने में लगे हैं, ताकि पराजय उनकी खाते में ना चली जाए।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ANI के साथ एक साक्षात्कार में कहा है कि हमारे देश में लंबे अर्से से चर्चा चली है कि चुनावों में कालेधन का बहुत बड़ा खतरनाक खेल हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि देश के चुनावों को कालेधन से मुक्ति मिलनी चाहिए। उन्होंने 1000-2000 के नोटों को खत्म किए जाने को इसी दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि 20 हजार रुपए तक पार्टियाँ कैश ले सकती है।

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इलेक्टोरल बॉन्ड्स और ED-CBI पर भी बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उन्होंने नियम बनाकर 20 हजार को ढाई हजार कर दिया, क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि ये कैश वाला कारोबार चले। पीएम ने इलेक्टोरल बॉण्ड को लेकर किए जा रहे आलोचनाओं पर कहा कि तक इलेक्टोरल बॉन्ड की बात है तो ये उसकी सक्सेस स्टोरी है, क्योंकि इससे मनी का ट्रेल मिल रहा है कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहाँ दिया। पीएम मोदी ने कहा कि जहाँ तक ED-CBI की बात है तो इसमें एक भी कानून मेरी सरकार ने नहीं बनाया है।

पीएम मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने तो इलेक्शन कमीशन में सुधार किए हैं, पहले तो प्रधानमंत्री एक साइन करके इलेक्शन कमीशन बना देते थे, आज तो उसमें विपक्ष भी रहता है। उन्होंने ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’ कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि ये कभी ED, कभी CBI, कभी EVM का बहाना निकालेंगे, मूलत: वो अपनी पराजय के लिए रीजनिंग पहले से सेट करने में लगे हैं, ताकि पराजय उनकी खाते में ना चली जाए। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि भारत में पिछले 10 साल से हर क्षेत्र में दुनिया भर से निवेश आ रहे हैं।

पीएम मोदी ने चुनावी बांड पर झूठ फैलाने के विपक्ष पर भी हमला किया और कहा कि योजना के माध्यम से दान देने वाली 3,000 कंपनियों में से 26 को ईडी जैसी जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इन 26 कंपनियों में से 16 ऐसी थीं जिन्होंने कार्रवाई का सामना करने पर चुनावी बांड ले लिए। “इनमें से (16 कंपनियों) 37 प्रतिशत राशि भाजपा को और 63 प्रतिशत भाजपा विरोधी विपक्षी दलों को गई। ईडी का छापा है… विपक्ष को चंदा देने का काम, क्या बीजेपी ऐसा करेगी?” इसका मतलब है कि इस रकम का 63 फीसदी हिस्सा विपक्ष के पास चला गया और आप हम पर आरोप लगा रहे हैं. उनका लक्ष्य इधर-उधर भागना और भागना है। ”

उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूँ कि हिंदुस्तान में निवेश आना चाहिए। पैसा किसी का भी लगा हो, पसीना मेरे देश का लगना चाहिए, उसके अंदर सुगंध मेरे देश की मिट्टी की आनी चाहिए, ताकि मेरे देश के नौजवान को रोजगार मिले। आज का फर्स्ट टाइम मतदाताओं 2047 का सबसे बड़ा लाभार्थी बनने वाला है। आज का फर्स्ट टाइम वोटर्स परंपरागत चीजों से बाहर आना चाहता है। विपक्ष का घोषणा-पत्र इकोनॉमी को पूरी तरह फेल करने वाला घोषणा पत्र है।”

-चित्र साभार

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