सुप्रीम कोर्ट में याचिका : सभी नागरिकों के लिए “तलाक का समान अधिकार”
जनहित याचिका दायर कर संविधान की भावना और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुरूप सभी नागरिकों के लिये ‘‘तलाक का समान आधार” सुनिश्चित करने को लेकर केंद्र को निर्देश देने का निवेदन किया गया है।
याचिका में कहा गया कि दंपती में अगर एक जीवनसाथी विदेशी नागरिक है तो उसे विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 के तहत तलाक की अर्जी देनी होगी। इस तरह, तलाक के लिये आधार न तो लैंगिक रूप से निष्पक्ष है ना ही धार्मिक रूप से निष्पक्ष है।
याचिका में उल्लेख किया गया है कि शीर्ष अदालत तलाक के मसले पर धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर पूर्वाग्रह नहीं रखते हुए सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी करे।
