कौशल सिखौला : चुनाव में दक्षिण भारत.. प्रशांत किशोर के विचार…
राहुल गांधी के चुनावी सर्वे ने सबको चौंका दिया है । प्रधानमंत्री मोदी इस बार 370 और 400 पार का नारा शुरू से लेकर चले हैं । अनेक एजेंसियों और न्यूज चैनलों के सर्वे भी ऐसे ही आए हैं । तमाम सर्वे बता रहे हैं कि एनडीए का 350+ जाना एकदम सुनिश्चित है । विश्लेषणकर्ता और चुनाव मैनेजमेंट टायकून प्रशांत किशोर भी मानते हैं कि दक्षिण भारतीय राज्यों के आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , कर्नाटक और ओडिशा में बीजेपी खासी बढ़त लेने वाली है।
खैर ! हमने राहुल गांधी के आंकड़ों से बात शुरू की है तो अब उनके आंकड़ों की चर्चा शुरू करते हैं । राहुल गांधी ने किसी सर्वे के हिसाब से घोषणा की है कि बीजेपी एनडीए को 2024 में 180 सीट मिलेंगी । कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और प्रियांक खड़गे ने बैंगलुरु में राहुल के हवाले से यही आंकड़ा जारी किया । राहुल ने इस सर्वे का आधार आरएसएस द्वारा कराए गए देशव्यापी सर्वे को बताया है।
मतलब सर्वे उन्होंने नहीं आरएसएस ने कराया है , जिस पर राहुल को पक्का यकीन है । वैसे संघ ने बकायदा स्पष्टीकरण दिया है कि वह कभी भी चुनावी सर्वे नहीं कराता । इस बार भी उसने कोई सर्वे नहीं कराया । ऐसे में राहुल को इस ” गोपनीय सर्वे ” की जानकारी कहां से मिली , वे हो जानें । अलबत्ता सभी के पास जानकारियों का भरपूर तंत्र मौजूद है । सर्वे की बाबत यदि वे जिक्र करते हैं तो गठबंधन के पास खुश होने का पूरा अधिकार है।
वैसे इसमें कुछ गलत भी नहीं । सबको हक़ है कि अपनी जीत के दावे कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया जाए । आखिर ढेरों दलों को मिलाकर इंडी गठबंधन जीतने और खासकर मोदी को सबक सिखाने के लिए ही तो बनाया गया है । कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बता भी दिया कि गठबंधन की सरकार बनते ही शाह मोदी के साथ क्या क्या करना है । फिर कांग्रेस का क्या भरोसा ? राहुल के पीएम बनते ही भाजपा शासित राज्यों की सरकार भंग कर दी जाएं।
आखिर कांग्रेस की केंद्र सरकार ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद यूपी की सरकार भंग करने के साथ साथ भाजपा शासित चारों राज्यों के सरकारें भंग कर ही दी थी । जीत के सपने देखने में कोई हर्ज नहीं , लोकतंत्र में सारी कवायद सत्ता के लिए ही तो है । यह और बात है कि कोई जहीन सपने देखता है और कोई हसीन सपने ? राजनीति में सब राजनीति करने आए हैं , भजन कीर्तन करने कोई नहीं आया । सत्ता सबको चाहिए । कांग्रेस तो सत्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानती है।
तो फिर तो ठीक है राहुल साहब ! अबकी बार 300 पार ? मतलब अबकी बार इंडी सरकार ? सीधा सीधा बोलें तो अबकी बार राहुल सरकार ? तो हो जाए भावी कैबिनेट तैयार ? आखिर क्यों नहीं ? 2014 में तो कांग्रेस को लगता ही नहीं था कि उसे भी कोई हरा सकता है । मनमोहन सिंह का अध्यादेश फाड़ने वाले राहुल वैसे भी कांग्रेस के एंग्री यंगमैन बन चुके थे , पीएम उन्हें ही बनना था । और फिर 2019 में तो इतने आश्वस्त थे कि मतगणना से पहले ही कैबिनेट बना डाली थी । अब तो आपने यह 180 का आंकड़ा भी दे दिया और श्रीनेत ने राज्यवार सीटें भी गिना दी । तो फिर क्या बात ? हो जाएगी बल्ले बल्ले ?
