कौशल सिखौला : इस कारण RBI चीनी ऐप पेटीएम पर लगा रही आंशिक प्रतिबंध

हमें यह गौरव हासिल हुआ है कि डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा देश हम बन गए हैं । 100% डिजिटल इंडिया बनाने का लक्ष्य लेकर चले थे , जिसे पाने में अभी कुछ समय लगेगा । लेकिन डिजिटल माध्यमों से बैंकिंग और यूपीआई का प्रयोग यदि 76 करोड़ देशवासी प्रतिदिन करने लगे हों तो यह किसी आश्चर्य से कम नहीं । भारत में अब आम आदमी भी फल , सब्जी , दूध आदि की खरीद फोन से पेमेंट करते हुए मजे से कर रहा है।

स्ट्रीट फूड खाने के शौकीन भारत में लाखों करोड़ों युवा क्यूआर कोड के माध्यम से छोटे छोटे पेमेंट कर रहे हैं । जब ठेली वाले , पालिश वाले , बढ़ई , प्लम्बर और ऑटो रिक्शा , टैक्सी वाले भी कैश के बजाय फोन में पेमेंट डालने को कहते हों तब भारत की तरक्की पर फक्र होता है । इसी प्रकार इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल 50% लोग कर रहे हैं । वह दिन दूर नहीं जब भारत में 100% लेन देन डिजिटली होने लगेगा । आश्चर्य की बात यह है कि दुनिया के अनेक देशों में इंडियन यूपीआई लेने की होड़ बढ़ती जा रही है ।

बुरा लगा या अच्छा ? निश्चय ही कुछ लोगों को बुरा लगेगा । उन्हें भी जो सोचते हैं कि सब कुछ डिजिटल हो गया तो मेज के नीचे से मिलने वाली ऊपरी कमाई का क्या होगा ? फिर प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त में नंबर दो में पैसा कैसे लिया जाएगा ? जी हां ! अभी भले ही कल्पना लगे , पर यह सच है कि निज़ाम न बदला तो विश्व का कैशलेश देश सबसे पहले भारत बन सकता है । वैसे हमारे देश में एक लॉबी है जो इतनी प्रगति के बावजूद यह सोचती है कि जब दुनिया का कोई देश डिजिटल नहीं हुआ तो हम कैसे हो सकते हैं ?

यह लॉबी पहले से उदाहरण देती रही है कि जब बड़े बड़े देशों में बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं तो भारत में ईवीएम से चुनाव क्यों ? मतलब कुछ लोग चाहते हैं कि भारत किसी फील्ड में नंबर 1 बन ही न पाए । भारत को जब विश्व में लोकप्रिय बताया जाता है तो कुछ लोगों के सीने में दर्द होता है । ब्रिटेन को पछाड़कर भारत विश्व में नम्बर 5 बना तब भी ऐसा ही दर्द हुआ था । नंबर 3 बनेगा तब और भी ज्यादा दर्द होगा । तो देश यदि 100% डिजिटल होने की ओर बढ़ रहा है तो गम क्या है ? आखिर तमाम दल देश को भ्रष्टाचार मुक्त ही देखना चाहते हैं न ? या नहीं चाहते ?

देख लीजिए भारत के डिजिटाइज्ड होने से भीतरी ही नहीं , बाहरी ताकतें भी एक्टिव हो गई हैं । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चीनी ऐप पेटीएम की बैंकिंग पर आंशिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी इसीलिए की है । इस बैंक का कोई कार्यालय भारत में नहीं , मुख्यालय चीन में है । इसका संचालन अलीबाबा ग्रुप करता है । जो लोग यूपीआई इस्तेमाल करते हैं उन्हें देशी भीम एप , फोन पे , गूगल पे आदि पर जाना चाहिए । देसी एप्स के जरिए भारत यदि पूर्ण रूपेण डिजिटाइज होता है तो भारत में ब्लैक मनी का खात्मा होगा और 100% व्हाइट मनी देश को ऊंचाइयों पर ले जाएगा ।

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