सुरक्षित जल के लिए AMRUT 2.0 लाॅन्च…सरकार द्वारा जल को सुरक्षित रखने के लिए उठाये जा रहे ठोस कदम, जन जागरूकता अभियान जरूरी 

भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता में कमी के जवाब में केंद्रीय जल आयोग ने अंतरिक्ष इनपुट का उपयोग करके भारत में जल उपलब्धता का मूल्यांकन 2019 नामक शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित एक रिपोर्ट का मूल्यांकन किया है। जिसके मुताबिक प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक जल उपलब्धता 2021 में 1486 क्यूबिक मीटर से घटकर 2031 में 1367 क्यूबिक मीटर होने का अनुमान जताया गया है।

भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता में कमी के जवाब में केंद्रीय जल आयोग ने अंतरिक्ष इनपुट का उपयोग करके भारत में जल उपलब्धता का मूल्यांकन 2019 नामक शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित एक रिपोर्ट का मूल्यांकन किया है। जिसके मुताबिक प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक जल उपलब्धता 2021 में 1486 क्यूबिक मीटर से घटकर 2031 में 1367 क्यूबिक मीटर होने का अनुमान जताया गया है। हालांकि केंद्र सरकार इस समस्या से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। बता दें कि वार्षिक प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता कोकाफी कम माना जाता है यदि यह 1700 घन मीटर से कम हो जाती है तो और 1000 घन मीटर से कम होने की स्थिति में जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन योजना

बता दें कि जल प्रबंधन की जिम्मेदारी अलग-अलग राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन इस केंद्र सरकार सक्रिय रूप से उनके प्रयासों का समर्थन कर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण पहल जल जीवन मिशन (जेजेएम) है, जिसका लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से पानी की आपूर्ति प्रदान करना है। फिलहाल सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जोरो से लगी हुई है।

सुरक्षित जल के लिए AMRUT 2.0 लाॅन्च किया 

इसके अलावा केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में AMRUT 2.0 लॉन्च किया,जिसमें शुद्ध पेयजल को सभी की पहुंच और शहरों को ‘जल सुरक्षित’ बनाने के लिए सभी कस्बों में जल आपूर्ति कवरेज का विस्तार किया गया है।

जल के उपयोग को अनुकूलित करने के लिए सिंचाई और कृषि उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) 2015-16 से प्रभावी तरीके से लागू किया गया है।  कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट (सीएडीडब्लूएम) कार्यक्रम, जो अब पीएमकेएसवाई – हर खेत को पानी का हिस्सा है, उद्देश्य भागीदारी प्रबंधन के माध्यम से सिंचाई क्षमता को बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार ने सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, बिजली उत्पादन और उद्योगों सहित सभी क्षेत्रों में कुशल जल उपयोग को विनियमित करने और बढ़ावा देने के लिए जल उपयोग दक्षता ब्यूरो (बीडब्ल्यूयूई) की भी स्थापना की है।

सही फसलों के चयन से मिल सकता है जल संकट का समाधान 

जल की कमी वाले क्षेत्रों के जवाब में, सरकार ने”सही फसल” अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें किसानों को ऐसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करता है जिनमें कम पानी की आवश्यकता पड़ती है और आर्थिक रूप से व्यवहार्य और पर्यावरण के अनुकूल हो। इसी कड़ी में सरकार द्वारा मिलेट्स का प्रोत्साहन काफी सराहनीय है।

मिशन अमृत सरोवर को भविष्य के लिए जल संरक्षण के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के एक भाग के रूप में 24 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास करना है।

मार्च 2023 में शुरू किया गया “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” (जेएसए: सीटीआर) – 2023 अभियान, पीने के पानी के लिए स्रोत स्थिरता पर केंद्रित है। प्रमुख हस्तक्षेपों में जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, इन्वेंट्री निर्माण, जल शक्ति केंद्रों की स्थापना शामिल है। गहन वनीकरण, और जन जागरूकता भारत सरकार का यह व्यापक दृष्टिकोण नीतिगत पहलों, वित्तीय सहायता भविष्य में जल संकट संकट से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को  जाहिर करता है।

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