चन्दरमोहन अग्रवाल : स्कैम.. स्कैम.. स्कैम…

स्कैम
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चिल्लाने वालों के खुद के साथ ही स्कैम हो गया। अदानी पर बड़े-बड़े आर्टिकल लिखे गए थे। न्यू यॉर्क टाइम्स, टेलीग्राफ, वॉशिंगटन पोस्ट और न जाने कहां कहां। इन अमेरिकन अर्थशास्त्रियों और रिसर्च सेंटरो ने भारत के अदानी ग्रुप के बढ़ते हुए वर्चस्व से डरकर उनके साम्राज्य को स्कैम का नाम देकर उन पर गहरी चोट पहुंचाने की कोशिश की थी और इसके लिए उनको भारतीय राजनीति के बिना रीढ़ की हड्डी वाले विपक्ष की भी सहायता मिली थी। हालांकि उनकी यह कोशिश सफल भी हो जाती अगर भारतीय इन्वेस्टर डरकर अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगा अपना सारा पैसा निकालने लगता। लेकिन भारतीयों का अदानी पर विश्वास होने के कारण अदानी ग्रुप पहले से भी ज्यादा मजबूत होकर दुनिया के सामने आया है और इन सभी अमेरिकन अर्थशास्त्रियों और प्रिंट मीडिया की जबरदस्त बेइज्जती हुई है। इसी बेइज्जती की कड़ी में अब एक और जबरदस्त धमाका हो गया है भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले इन सभी स्वयंभू अर्थशास्त्रियों को अपने ही देश में चल रहे इतने बड़े स्कैम के बारे में पता भी नहीं चला।

जी हां।

मैं सिलिकॉन वैली बैंक स्कैम के बारे में ही कह रहा हूं। अमेरिका के इस इतने बड़े बैंक के शेयर 1 दिन में ही 80 परसेंट से ज्यादा नीचे गिर गए और यह बैंक अमेरिकन सरकार के बेल आउट पैकेज के बिना अब दोबारा खड़ा हो पाएगा, मुझे तो यह लगभग नामुमकिन ही लगता है।

अमेरिकन अर्थशास्त्रियों के साथ तो बिल्कुल वैसा ही हुआ जैसे पड़ोसी की बहू पर शक करने वाली बुढ़िया को पता ही नहीं चला कि कब उसकी अपनी पोती गांव के रिक्शा वाले के साथ भाग गई।

अगर इस तरह का कोई कुछ भारत में हो जाता तो हमारा विपक्ष इतना बवेल्ला मचाता कि मोदी जी को सत्ता संभालना मुश्किल पड़ जाता।

मुझे लगता है कि पाठक अभी यस बैंक वाले स्कैम को भूल नहीं पाए होंगे जहां पर बिना बेलआउट पैकेज दिए उस बैंक को सरकार ने संभाल लिया था और इसी तरह भारत के कई बाकी के बैंकों को भी मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने उनको आपस में मर्ज किया ताकि UPA गवर्नमेंट के समय में हुए NPA के जहर को भारतीय बैंक की अर्थव्यवस्था से बाहर किया जा सके। जिसमें मोदी सरकार 100% सफल भी हुई है। अब देखते हैं की अमेरिकन सरकार सिलिकॉन वैली बैंक को संभाल पाती है कि नहीं या फिर इसका हाल भी लेमन ब्रदर्स बैंक की तरह ही होगा और सारे इन्वेस्टर्स का पैसा डूबने वाला है।

भारतीय दर्शन का यही तो कमाल है कि अगर कोई हमारा बुरा करता है तो जरूरी नहीं कि हम भी उसका बुरा करें। भगवान स्वयं ही उसका बुरा कर देता है।

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