कौशल सिखौला : हरियाणा.. जातिवादियों के विरुद्ध सभी जातियों की एकजुटता
जैसा झापड़ बीजेपी ने हरियाणा में मारा , वैसा रोज रोज नहीं पड़ता । बड़ा दम लगाना पड़ता है इस झन्नाटेदार थप्पड़ के लिए । देश का तमाम मीडिया फेल , तमाम एग्जिट पोल लगातार दूसरी बार फेल , बढ़ बढ़कर बोल रही कांग्रेस फेल , बस चुपचाप काम में लगी बीजेपी पास । हरियाणा की जनता पास । नवाब सिंह सैनी को सीएम बनाना बड़ा कदम था।
जाट लैंड की 15 सीटों में से बीजेपी ने 7 सीट जीतकर दिखा दिया कि तमाम किसान बीजेपी से नाराज नहीं । खुद को हरियाणा के किसानों का मसीहा बताने वाले गुरनाम सिंह चढूनी को पिहोवा सीट पर मात्र 1170 वोट मिले , जमानत जप्त हुई । मोदी 3 के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 खाद्यान्नों को एमएसपी देकर किसानों का दिल जीत लिया है । एक बात और साफ हुई कि दलित कुमारी शैलजा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दलित उदय भान का अपमान जाटों ने बेशक पसंद किया हो , अन्य जातियों को पसंद नहीं आया । अब पसंद नहीं आया तो नहीं आया । जाति जाति चिल्लाने वालों के खिलाफ़ तमाम जातियां एक हो गई।
उन्होंने पिता पुत्र हुड्डा के बजाय नवाब सिंह सैनी को गले लगाया , परिवार वादियों को दूर भगाया । अब भगाया तो हो गया तमाशा , हो गया खेला । बीजेपी ने पहले केन्द्र में हैट्रिक लगाई अब हरियाणा में । किसान , जाट , खाप और खिलाड़ियों से भरे हरियाणा को जो लोग अपनी जागीर बनाना चाहते थे , वे पूरा मुंह बाए जीभ बाहर निकले चौपट औंधे मुंह आन गिरे हैं । सच कहें तो जनता ने जाति जाति कर रहे राहुल गांधी से उन्हीं के अंदाज में कहा – सब खत्म टाटा बाय बाय ….। बाकी सब एक रहो , हम हिंदुओं को बांटेंगे का जनता की ओर से साफ साफ जवाब । रूदाली गैंग के पास सिसक सिसक कर विलाप करना बचा था , ईवीएम का नाम लेकर शुरू भी कर दिया है।
चुनाव ने ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल देने वाली एजेंसियों को भी आइना दिखा दिया । लगातार दूसरी बार एग्जिट पोल फेल हुए हैं । तो क्या लाखों करोड़ों रुपया लेकर ओपिनियन और एग्जिट पोल बेचने वाली एजेंसियां टीवी खबरों और आम माहौल से प्रेरित होकर पोल करती हैं । क्या उनके पास अपनी कोई वर्किंग टीम है , या पार्टियां उनके काम आ रही हैं । एग्जिट पोल से लोगों का भरोसा उठ जाना खुद टीवी चैनलों के लिए कठिन दौर है । जनता की भावनाओं से खेलिए मत । या तो सटीक जानकारी दीजिए या फिर एग्जिट पोल देने की कोई जरूरत नहीं । एग्जिट पोल गुमराह कर रहे हैं । हमने खुद कईं बार एग्जिट सर्वे में भाग लिया है । बड़ा पसीना बहाने के बाद आते थे सही रिजल्ट।
हरियाणा से अधिक महत्वपूर्ण चुनाव कश्मीर के थे । 370 हटने और 100% भारतीय संविधान लागू हो जाने के बाद नया परिसीमन हुआ । उसके बाद का यह पहला चुनाव था । पूर्ण शांति के साथ 72% तक मतदान हुआ । पूरी प्रक्रिया में जम्मू कश्मीर के नागरिक उमड़ पड़े । ठाठ से चुनाव हुए और शान से परिणाम आए । सारी दुनिया ने देख लिया की कश्मीर हमारा है । राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ गए कश्मीरी । यही तो उद्देश्य था । चुनाव कौन जीते , कोई मतलब नहीं । बस प्रक्रिया हो गई , सरकारें तो बनती रहेंगी । हम फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को सरकार बनाने की बधाई देते हैं । सिद्ध हुआ कश्मीर हमारा हम कश्मीर के । चुनाव आयोग को शानदार प्रबंधों के लिए बधाई।