कौशल सिखौला : भारत मे जी-20 हुआ जी-21.. किस स्तर का है यह आयोजन?

क्या गजब का आयोजन है । ऐसा कि बस देखते ही जाइए । जी 20 में बड़ी बड़ी हस्तियों के आगमन का जीरो एरर प्रबंध , बिल्कुल त्रुटिहीन । चारों तरफ भव्यता का दर्शन । रोजमर्रा की चिक चिक से एकदम परे । विश्व अतिथियों के आगमन , विश्राम और खानपान का शानदार प्रबंध।

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यूपीआई के माध्यम से कुछ भी कहीं भी खरीद की सुविधा । जी 20 के प्रतिनिधि हो या विशेष आमंत्रित देश । सबसे उच्चस्तरीय व्यक्ति संपर्क का प्रबंध । पहला दिन बेहद सफल रहा । जो बायडन सहित अनेक राष्ट्राध्यक्षों से प्रधानमंत्री की वन टू वन वार्ता । रातभर चर्चाएं चलती रही , डेलीगेशंस मिलते रहे बैठकें करते रहे । गजब प्रबंधन । सब कुछ अप टू डेट । सब समयबद्ध।

आज 10 बजे से जी 20 बैठकों के मुख्य दौर शुरू हो रहे हैं । अभी तक हम ऐसी बड़ी बैठकों को हम विदेशों में होते हुए टीवी पर देखा सुना करते थे । अब यह मैगा इवेंट अपने देश में होता हुआ अनुभव कर रहे हैं । हमारे देश में प्रगति मैदान में 1972 और 1982 में दो बड़े इवेंट आयोजित किए गए थे।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का निर्माण भी स्पोर्ट्स इवेंट के लिए हुआ था । लेकिन जी 20 की तो बात ही निराली है । यह बेहद यादगार आयोजन है । एक बड़े उत्सव की तरह । आज का पूरा दिन खास है । रात को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 2000 मेहमानों के लिए शानदार भोज का आयोजन किया गया है । यूं तो उन सभी होटलों में खानपान के उच्चस्तरीय प्रबंध हैं , लेकिन रात्रि भोज की बात ही निराली होगी।

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बीता कल आगमन का दिन था अतः सारा जोर स्वागत और परिचय को समर्पित था । आज और कल कामकाज के दिन हैं । जी 20 वे देश हैं जो दुनिया की जीडीपी के 85% हिस्सेदार हैं । जाहिर है पूरा साल जी 20 की बैठकों को समर्पित कर प्रधानमंत्री ने भारत के लिए पहले ही बड़ा बाजार जुटाया है । अब दो दिनों की बैठक में संयुक्त घोषणापत्र पर जोर रहेगा ताकि सभी देश इस बैठक का लाभ जुटा सकें।

भारत का यह आयोजन किस स्तर का है , ब्राजील के राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है । उन्होंने कहा है कि इस स्तर का आयोजन करना उनके लिए संभव नहीं । भारत विश्व में आज किस मुकाम पर खड़ा है , सबको पता चल गया है । अच्छा लग रहा है कि देश सपेरों बंदरों और भालुओं के देश की छवि को कितने पीछे छोड़ आया है । अमेरिका , चीन और यूरोपीय अमीर देश जिस स्तर पर आयोजन करते हैं , हम उससे भी बढ़िया कर सकते हैं । भारत ने सचमुच यह करके दिखा दिया है।

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