अमित सिंघल : PM मोदी ने 27 सरकारी बैंको को मिलकर 12 बड़े बैंको में परवर्तित किया.. परिणाम हानिकारक..?

मोदी सरकार पूर्व भारत नीतिगत जड़ता से जूझ रहा था; एक पिटी-पिटाई लकीर पर चल रहा था। कारण यह था कि उस समय की नीतियां अभिजात वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई जाती थी। उदाहरण के लिए, अधिकतर अभिजात वर्ग रेल यात्रा नहीं करता था; अतः स्टेशन एवं ट्रेन खुले में गिरती मल-मूत्र से भिनभिनाते रहते थे। यह वर्ग हवाई यात्रा या फिर लक्ज़री कार से सफर करता था और उसे “दिखाई” ही नहीं देता था कि निर्धन किशोरियां एवं महिलाएं रेल पटरी या सड़क किनारे शौच करती थी। घर, शौचालय, बिजली, गैस, नल से जल की उपलब्धता, बैंक अकाउंट इत्यादि तो दूर की बात थी।

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यही स्थिति बैंकिंग क्षेत्र को लेकर थी जो किसी भी समय फेल होने की स्थिति में था। सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 27 सरकारी बैंको को मिलकर 12 बड़े बैंको में परवर्तित किया। नए दिवालिया कानून के द्वारा बैंक किसी लोन न चुकता करने वाली कंपनी के विरूद्ध कोर्ट जाकर शीघ्र वसूली कर सकता है। परिणाम यह निकला कि पिछले वित्तीय वर्ष में बैंकिंग सेक्टर ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक लाभ रजिस्टर किया।

आधार, जन-धन अकाउंट, UPI के द्वारा आमजन का आर्थिक सशक्तिकरण किया। GST के द्वारा व्यापार एवं चुंगी कर सहित दो दर्ज़न अलग-अलग करो का एकीकरण किया। आज GST कलेक्शन दो लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वर्ष 2017 में जब GST लागू किया गया था, तब राज्य सरकारों में केंद्र से गॉरन्टी मांगी थी कि अगर राज्यों को GST पूर्व मिलने वाले व्यापार कर के शेयर में कमी आयी, तो केंद्र उसकी भरपाई करेगा। क्योकि तब राज्यों को GST रिफॉर्म्स के बारे में संदेह था। आज कोई भी राज्य सरकार भरपाई की मांग नहीं कर रही है।

370 हटाकर कश्मीर में अलगाववाद का स्थाई समाधान किया। CAA के द्वारा कुछ पडोसी देशो में प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख़्यको को त्वरित नागरिकता देने का प्रावधान किया। अभिजात वर्ग ने धमकाया कि अगर 370 हटाया गया, तो कश्मीर झुलस जाएगा। लेकिन इस चुनाव में कश्मीर ने मतदान के रिकॉर्ड तोड़ दिए है। पत्थरबाज़ी की घटनाये सुनाई नहीं देती है।

इन सभी सुधारो का विरोध किया गया। आधार, GST, 370, CAA इत्यादि के विरूद्ध अभिजात वर्ग सर्वोच्च न्यायालय चला गया। कृषि सुधारों – वही सुधार जो कांग्रेस ने अपने 2014 के मैनिफेस्टो में लागू करने का वादा किया था – का कुछ इंटरेस्ट ग्रुप्स के माध्यम से हिंसक विरोध किया गया।

जब रक्षा हथियारों का निर्माण निजी क्षेत्र के लिए खोला गया, तो उसे राष्ट्र के लिए खतरा बताया गया। कहा गया कि HAL बंद हो जायेगी। आज स्थिति यह है कि HAL अत्यधिक व्यस्त है और इसने पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में 4300 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।

इसी प्रकार अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए डिजाइन की गई है। इस योजना के कार्यान्वयन से भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु लगभग 4-5 वर्ष कम हो जाएगी। देशभक्ति की भावना, टीम वर्क, शारीरिक फिटनेस, देश के प्रति निष्ठा से ओत-प्रोत अग्निवीर युवा वर्ग खतरों और प्राकृतिक आपदाओं के समय राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद देगा।

अग्निवीर की भर्ती एवं ट्रेनिंग 2023 में शुरू हुई है। वर्ष 2027 से लगभग 25000 अग्निवीर प्रति वर्ष राष्ट्र के अन्य क्षेत्रो में योगदान के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। इन सभी अग्निवीरो के पास लाखो रुपये की पूँजी होगी, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि यह सभी युवा अनुशासन, परिश्रम और फोकस करने की क्षमता से भरपूर एवं पर्याप्त रूप से कुशल होंगे।

एक बार ऐसे युवाओ का राष्ट्र निर्माण में योगदान के बारे में सोचिए।

कई निर्णय, कई रिफॉर्म तात्कालिक रूप से अप्रिय लग सकते हैं, लेकिन समय के साथ उन रिफॉर्म्स का लाभ राष्ट्र को कुछ वर्ष बाद मिलता है।

21वीं सदी का भारत इनोवेटर्स, सम्पदा एवं रोजगार का सृजन करने वालो का है। और ऐसे भारत का निर्माण पुरानी व्यवस्था के आधार पर नहीं किया जा सकता है।

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