चंदर मोहन अग्रवाल : सहमत हूं बड़ी परियोजनाओं को टाटा, अडानी,अम्बानी ही ग्रैब कर रहे
विपक्षी दलों के इस कथन से तो मैं भी सहमत हूं कि देश की बड़ी बड़ी मेक इन इंडिया परियोजनाओं को मुख्यतः तीन लोग टाटा, अडानी और अम्बानी ही ग्रैब कर रहे हैं।
अब हजारों लाखों करोड़ की परियोजनाओं को कोई आम जनता या देश के किसी दफ्तर में काम करने वाला क्लर्क तो लगाने से रहा।
अम्बानी, अडानी और टाटा अगर इन परियोजनाओं को भारत में ला रहें हैं तो उनके द्वारा कमाया गया पैसा तो देश में ही रहेगा, ऊपर से इन बड़ी बड़ी फैक्टरियों में काम करने वाले भी भारतीय ही होंगे। जो माल इन कांग्रेसियों द्वारा MOU साइन करके चीन से मंगवाया जा रहा था अब वो भारत में ही बनेगा। मतलब भारत ही बनाएगा, भारत ही खायेगा, भारत ही डालर बचाएगा, और एक्सपोर्ट करके भारत ही डालर कमायेगा भी।
यह तर्क कितना खोखला है कि अम्बानी, अडानी, टाटा और अमीर हो जाएंगे जबकि पहले यह सारा पैसा चीन के मनुफैक्चरर्स के पास जा रहा था और चीनी अमीर हो रहे थे जो अब भारत का भारत में ही रहेगा। ये और अमीर होंगे तो और ज्यादा कम्पनियां लगाएंगे और और ज्यादा लोगों को रोजगार देंगे। कम से कम ये लोग हमारे देश में पैदा किया गया पैसा भारत में ही लगा रहें हैं न। न कि इन चोर उच्चकों की तरह स्विस बैंकों में जा कर जमा करा रहें है।
यह बात हम सब को समझनी होगी कि अगर कोई भारत में कमायेगा तो भारत को ही खिलायेगा।