मंदिर वही बन रहा है.. मोतियाबिंद एक गंभीर रोग…

ये नक्शा हाथ से बना हुआ है जो कि राम जन्मभूमि मंदिर के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में सत्रहवें पेज पर मिल जायेगा। हाथ से बना हुआ है तो उतना पक्का नहीं है एक इंच मतलब चालीस फीट के लगभग है, ये दिख जायेगा। नक्शा देखना स्कूल में सीखा होगा? ऊपर की तरफ उत्तर होता है, दाहिनी तरफ पूर्व होता है, ये सब याद नहीं भी तो नक्शे के बाएं वाले कोने में ऊपर उत्तर किधर है, इसका निशान बना हुआ देख कर समझ लीजिये। जमीन के विवादों में चौहद्दी यानी चारों और क्या क्या है, ये सब ऐसे ही हाथ से बने नक्शे के जरिये अक्सर प्रदर्शित होता है।

अब गूगल मैप चलाइये। इसमें जो विजय राघव मंदिर दिख रहा है, उसे अयोध्या में ढूंढिए। इस नक्शे से आपको पता चल रहा है कि वर्षों पहले उसके ऊपर (उत्तर में) कोई पक्की सड़क थी तो वो अभी भी होगी। दिखी गूगल मैप में? बहुत बढ़िया। अब देखिये कि इसमें एक इंच चालीस फीट के लगभग है ऐसा बताया हुआ है। तो इस विजय राघव मंदिर से दक्षिण-पश्चिम कोण पर करीब डेढ़ सौ फीट दूर राम जन्मभूमि होनी चाहिए। अपने मोबाइल-लैपटॉप में बाएं और थोड़ा सा नीचे देखना होगा।

क्या दिखा?

हाल के वर्षों में आया मोदियाबिन्द एक गंभीर रोग है जिसका इलाज विज्ञान को अभी तक नहीं मिला है। इसमें मोदी विरोध करते-करते आदमी अन्हरा हो जाता है। हेतना बड़का राम जन्मभूमि मंदिर भी मरीज को खिसक कर कार पार्किंग में पहुंचा हुआ दिखने लगता है। जी हाँ, वहाँ तिराहा है जहाँ से राम जन्मभूमि मंदिर कॉरिडोर में मुड़ते ही बायीं तरफ कार पार्किंग है। बाकी गेट वेल सून!

https://www.sci.gov.in/pdf/JUD_2.pdf
सौजन्य प्रीतिपाल सिंह

 

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