आह मालिक अनिल अग्रवाल..! हाय बालको प्रबंधन..!

◇ बालको प्रबंधन मालिक अनिल अग्रवाल के सपनों को क्यों अंधेरे के साये में डाल रहा..?

◇ बालको प्रबंधन की चूक मालिक अनिल अग्रवाल के अरबों रुपयों के साम्राज्य पर पड़ेगी भारी..?

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कोरबा। मालिक अनिल अग्रवाल जिन्होंने अपनी मेहनत, बड़े सपने, दूरदृष्टि के चलते अपने बलबूते विराट औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया है। श्री अग्रवाल जानते हैं कि बड़े लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जीवन में छोटी-छोटी बातों पर गहराई से विचार करना पड़ता है।

होता भी यही है कि नाव कितनी भी विशालकाय हो, मात्र एक छिद्र किसी भी विशालकाय नाव को डुबाने के लिए पर्याप्त है।

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बालको प्रबंधन की दशा और दिशा भी संभवतः यही है जिसके द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में छोटी छोटी चूक को अनदेखा किया जा रहा है जो आने वाले समय में किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है और मालिक अनिल अग्रवाल के अरबों के बालको की औद्योगिक इकाई को भारी क्षति पहुंचाई जा सकती है।

 

हाल ही में कोरबावासियों ने देखा था कि सुरक्षा व्यवस्था में चूक के कारण कैसे एक चिंगारी टीपी नगर के कॉम्प्लेक्स को स्वाहा कर 3 जान लेने के साथ ही करोड़ों रुपये का नुकसान कर गई और आज पर्यंत तक लोग उस दुर्घटना से उबर नहीं पाए हैं।

प्रबंधन की छोटी चूक का बड़ा नुकसान मालिक को ही उठाना पड़ता है। तो क्या मालिक अनिल अग्रवाल को भविष्य में प्रबंधन की छोटी चूक के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है..?

शरारती तत्वों के द्वारा सेंधमारी कर किसी बड़े वारदात को रोकने के लिए बालको चेकपोस्ट के आगे से लालघाट से रिसदा चौक की ओर जाने वाली सड़क तक लगभग 2 किलोमीटर से अधिक लंबी और ऊंची दीवार का निर्माण कुछ समय पूर्व ही बालको प्रबंधन के द्वारा किया गया है। इस लंबी दीवार पर कंटीले तारों की बाढ़ भी लगाई गई है।

इसके साथ ही बालकाे प्लांट में तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगातार हाई अलर्ट पर सिक्याेरिटी सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे चप्पे-चप्पे पर निगरानी का दावा किया जाता है।

ये दावे तब झूठे सिद्ध होते हो जाते हैं जब स्थिति बाउंड्रीवाल के किनारों पर लगाए गए बिजली के खंभों पर टांगे गए बल्बों को अंधेरे की गोदी में सुला दिया जाता है।

ये कुछ छायाचित्र हैं जो बताते हैं कि गहराते अंधकार के बाद भी बालको की दीवार का लंबा सिरा पूरी तरह से अंधेरे में डूबा हुआ है। ऐसा भी नहीं है कि किसी तरह का कोई सुधार कार्य चल रहा है, जिसके कारण खम्भों में विद्युत आपूर्ति को रोका गया है क्योंकि एक हाई माष्ट लाइट के खंभे में एक फिक्स्चर तो प्रकाश दे ही रहा है।

अब मालिक अनिल अग्रवाल के अरबों रुपयों के महान साम्राज्य में बालको प्रबंधन द्वारा की जा सुरक्षा व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर लोगों के मुंह से तो यही निकलेगा “आह मालिक अनिल अग्रवाल..! हाय बालको प्रबंधन..!”

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व ही बालकाे की सुरक्षा व्यवस्था पर सेंध लग गई थी जब चाेरों ने प्लांट के चार दीवारी के अंदर आने के बाद बीएलसी बिल्डिंग में घुसकर चोरी की सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया था।तब बालको प्रबंधन में हड़कंप मच गया था और बालकाे थाना में रिपाेर्ट लिखाई गई थी।

संभवतः किसी बड़े सनसनीखेज वारदात होने की प्रतीक्षा बालको प्रबंधन को है। प्रश्न यह भी उठता है कि क्या यह सब कुछ जानबूझकर किया जा रहा है ताकि किसी तरह की बड़ी लीपापोती की जा सके..!!

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