मालिक अनिल अग्रवाल के सपनों को रोज आग लगा रहा है बालको प्रबंधन..!! …ऐसे में फिर बिकेगी बालको ??

वेदांता ग्रुप का जोर कर्ज घटाने और अपने मुख्य कारोबार पर फोकस करने की दृष्टि से दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड अपना स्टील बिजनेस बेचने की तैयारी में हैं। कोरबा स्थित बालको का सारा व्यापारिक ढांचा भी लचर प्रबंधन की कृपा से कब विक्रय के कगार पर पहुंच जाए, यह नहीं जा सकता। आगे जो हम बताने जा रहें हैं वो तो बाहर से दिखाई दे रहा है और अंदर न दिखाई दे रही छोटी-छोटी बातों में कितना बड़ा नुकसान हो रहा है.. राम जाने।

पूर्व में कंपनी की ओर से जारी प्रेस रिलीज की माने तो गत वर्ष कंपनी को सबसे प्रतिष्ठित सम्मान आईएमसी आरबीएनक्यू माइलस्टोन मेरिट्स रिकग्निशन 2021 पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, साथ ही वित्तीय वर्षों में नेशनल एनर्जी लीडर्स अवार्ड 2022 तथा धातु क्षेत्र में उत्कृष्ट ऊर्जा प्रबंधन के लिए 23वां सीआईईआई नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन एनर्जी मैनेजमेंट पुरस्कार के साथ सीआईआई द्वारा लगातार तीसरी बार उत्कृष्ट ऊर्जा कुशल इकाई के रूप में मान्यता दी गई थी।

5 माह पूर्व के समाचारों पर जाएं तो ” बालको की वर्तमान दक्षता वैश्विक बेंचमार्क के अनुसार है और देश के एल्यूमिनियम उद्योगों में बालको की विशिष्ट ऊर्जा की खपत सबसे कम है।

वर्ष 2021 में सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा (BALCO) प्रबंधन की दिशा में बालको की उपलब्धियों में परफॉर्म अचीव एंड ट्रेड (पीएटी) साइकल-II उर्जा बचत प्रमाण पत्र तथा बिजली संयंत्रों में सर्वोत्तम ऊर्जा प्रबंधन और संरक्षण के क्षेत्र में सीआईआई एनकॉन अवॉर्ड 2021 शामिल हुए। सीआईआई ऊर्जा संरक्षण (एनकॉन) 2021 के 14वें संस्करण में बालको को 1200 मेगावाट बिजली संयंत्र के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विजेता का पुरस्कार मिला। इस साल वर्ल्ड सीएसआर कांग्रेस द्वारा बालको को बेस्ट ग्रीन बिजनेस अवॉर्ड और बेस्ट ग्रीन एक्सीलेंस अवॉर्ड प्राप्त हुआ। ”

विगत दिसंबर अपनें मिट्ठू की कहावत को चरितार्थ करते हुए बालको द्वारा जारी किए गए एक प्रेस नोट में उल्लेख किया गया था कि ” वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के विद्युत संयंत्रों को उत्कृष्ट ऊर्जा प्रबंधन एवं संरक्षण के क्षेत्र में वर्ष 2021 के सीआईआई एनकॉन अवार्ड प्रदान किए गए। वृहद संयंत्र श्रेणी में बालको के 1200 मेगावॉट विद्युत संयंत्र को 4.75 स्टार रेटिंग सर्टिफिकेट के साथ राज्य विजेता-छत्तीसगढ़ घोषित किया गया। 540 मेगावॉट विद्युत संयंत्र ने 4.25 स्टार रेटिंग सर्टिफिकेट हासिल किया। वर्चुअल समारोह में प्रदत्त ये पुरस्कार बालको की प्रचालन उत्कृष्टता के द्योतक हैं।”

इस प्रेस नोट में 2 कदम आगे बढ़कर बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने कहा था कि ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ाने की दिशा में बालको कटिबद्ध है। आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य और देश की निरंतर प्रगति की दृष्टि से बालको ने ऊर्जा संसाधनों का प्रभावी प्रयोग सुनिश्चित किया गया है। उत्पादन की विभिन्न प्रक्रियाओं में ऊर्जा की बचत…..” आदि-आदि-आदि।

फलाना पुरस्कारों, ढेंकाना उपलब्धियों की सौगात जब न्यूज चैनलों, समाचारों के माध्यम से मालिक अनिल अग्रवाल को मिलती होगी तो वे भी प्रबंधन द्वारा अपने बलबूते पर प्राप्त पुरस्कारों की गाथाओं को बांचकर लहालोट होते होंगे, शायद उन्हें भी नहीं पता कि स्थितियां इसके विपरीत है क्योंकि कड़ी मेहनत से उत्पादित किया विद्युत कई प्रकार से बेकार में अपव्यय भी होता है, जिसे रोककर बड़ी बचत की जा सकती है।

imc rbanq milestone merits rekognition  awarde अब अंग्रेजी अक्षरों से सजे प्लेट में यह प्रेस नोट जारी किया जाता है तो लगता है ” अरे बाप रे यह कोउ अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार बड़ी भागदौड़ के बाद जीते हैं ऐसा लगता है..” लेकिन ऐसा नहीं है। शार्ट में गहराई में जाने के स्थान पर उथले में देखें तो यह बिल्कुल कॉमन सा भारत में उद्योग जगत में एक-दूजे के लिए बना पुरस्कार है। हिंदी में इसे विस्तृत करके आईएमसी रामकृष्ण बजाज नेशनल क़्वालिटी.. पढ़ा जा सकता है।

कुछ दिनों पूर्व एक समाचार आया था कि दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड अपना स्टील बिजनेस बेचने की तैयारी में हैं। अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली इस कंपनी ने चार साल पहले इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड को खरीदकर स्टील इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था लेकिन अब उसने अपना स्टील बिजनेस बेचने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक वेदांता ग्रुप का जोर कर्ज घटाने और अपने मुख्य कारोबार पर फोकस करने का है। मार्च के अंत तक कंपनी पर 11.7 अरब डॉलर का कर्ज था। इलेक्ट्रोस्टील को बेचने के लिए वेदांता ने कई स्टील कंपनियों से संपर्क साधा है। वेदांता ने 2018 में टाटा स्टील को पछाड़कर इलेक्ट्रोस्टील को 5,320 करोड़ रुपए में खरीदा था।

वेदांता ग्रुप का जोर कर्ज घटाने और अपने मुख्य कारोबार पर फोकस करने का है। मुख्य कारोबार यानि बालको पर अनिल अग्रवाल अब सारा ध्यान फोकस करना चाहते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि बालको प्रबंधन उनके सपनों को आग लगाने पर तुली हुई है। ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में जितने भी पुरस्कार बालको को मिले हैं, बालको प्रबंधन की कथनी और करनी में अंतर को देखकर लगता है कि सभी प्रकार के बंटने वाले पुरस्कार ” बॉलीवुड के फ़िल्म फेयर ” पुरस्कारों की तरह ही पहले से तय पुरस्कार बालको को मिले हैं।

मेहनती, सपने देखकर साकार करने वाले अनिल अग्रवाल ने बूंद-बूंद करके कंपनी को महासागर में बदल कर रख दिया। यह अनिल अग्रवाल की महान सोच थी कि जितनी जगह में मात्र एक एलुमिनियम प्लांट चलता था, उसी एरिया में उन्होंने विशालकाय पॉवर प्लांट बिना अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण किए स्थापित करके बता दिया.. मतलब प्रत्येक क्षेत्र में बचत।

अब उन्हीं अनिल अग्रवाल के सपनों में बालको प्रबंधन आग लगाने पर तुला हुआ है। ऊर्जा संरक्षण पर सिर्फ लंबी-लंबी बातें करके स्वघोषित ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्रों उत्कृष्टता के तथाकथित पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले कई वर्षों से ऊर्जा का जिस प्रकार से अपव्यय जानबूझकर कर रहे हैं, वह पहले से बिके हुए बालको को दोबारा बिक्री के कगार पर खड़ा न कर दे ?

 

 

बालको प्रबंधन द्वारा जिस प्रकार से जानबूझकर रोज लाखों वर्ष तक मिट्टी में दबे रहने के बाद बनने वाले कोयले की ऊर्जा को हर घड़ी-हर मिनट बर्बाद किया जा रहा हैं, वह अनेक पुरस्कारों से लहालोट बालको प्रबंधन के लिए अद्भुत है।

 

 

लालघाट के पास से बालको द्वारा निर्मित दीवार से होते हुए बाईपास तक जाने पर लगभग 2 किलोमीटर से अधिक दूरी के रास्ते में जगह-जगह दिन के उजियारे में स्ट्रीट लाइट्स, बड़े-बड़े लैंप बालको प्रबंधन के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्रों में प्राप्त विभिन्न पुरस्कारों की धज्जियां उड़ाते हुए और बालको प्रबंधन की ओर से अनिल अग्रवाल के सपनों में आग लगाते प्रतिदिन दिखाई देते हैं। जिस प्रकार से अनवरत बिना थके,बिना बुझे ये लाइट्स जलती रहती हैं उसकी आपूर्ति तो स्वयं प्रत्यक्ष देव् सूर्यदेव भी नहीं कर सकते, फिर मालिक अनिल अग्रवाल की सारी संपत्तियों की क्या बिसात!!

हमें खुद से कितना प्यार है यह ठंडी के मौसम में पता चलता है। एक खास आभार उन सभी का जरूर मानना चाहिए जो इस ठंडी में खुद से ये प्यार बरकरार रख पाते हैं और हफ्ते में मुश्किल से दो बार नहाकर जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण में अपनी असीमित महती भूमिका का निर्वाह करते हैं। इसी तरह हम खुद से प्यार और दूसरे से प्यार न करे तो वॉटर हीटर व मोबाइल रिचार्ज के भारी रुपये बचा सकते हैं ठीक बालको प्रबंधन की तरह आप मेरी और मैं आपकी पीठ खुजाऊ की लय में सीजनली अवार्ड्स ले-देकर।

शेष मालिक अनिल अग्रवाल तो.. @ll is well.

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