फेमिनिज्म को तमाचा मारता.. फेक नैरेटिव को तोड़ता..आखिर 2022 में एक महिला को तीन बच्चे कैसे और क्यों चाहिए..?

” बरसों बाद फेक फेमिनिज्म को तमाचा मारते हुए कोई कंटेंट दिखा। कुछ हटकर बना। फेक नैरेटिव को तोड़ते हुए।

मां और मातृत्व को चुनौती देने लगी थी ये नई पौध।
जीवन की सतत प्रकिया पर प्रश्नचिन्ह उठने लगा था कहीं।
दूर से आती हुई ठंडी मीठी हवा का झौंका है ये विज्ञापन।

Veerchhattisgarh

आंखों को तसल्ली मिली, दिल को एक सुकून। कुछ बदल
रहा है। ” –भारती पंवर

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यह विज्ञापन अपने आप में एक कहानी है। यह दर्शकों के साथ एक व्यक्तिगत भावनात्मक संबंध बनाता है। इसके अंत में, दर्शक केवल एक ही बात कह सकते हैं: “वाह!”

अधिकांश विज्ञापन आज तथाकथित बुद्धिजीवीं दर्शकों वही पसंद आते हैं जो मौजूदा सामाजिक मानदंडों, सीमाओं और नैतिकताओं को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों के स्तर पर भी कई कंपनियों द्वारा भारतीयों को ज़बरदस्ती ‘जागने’ के एजेंडे को खिलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर, विशेष रूप से, यह विज्ञापन उन युवा भारतीयों के लिए एक सीख बनकर आया हैं जो अपनी सांस्कृतिक जड़ों से पूरी तरह से कटे हुए हैं।

बहुत कम कंपनियां अपने विज्ञापन पारंपरिक मानदंडों की परंपराओं को दृष्टिगत रखते इस तरह के दृढ़ संकल्प के साथ बनाती हैं। अपने विज्ञापन में, प्रेगा न्यूज़ ने तथाकथित फेमिनिस्म के झंडाबदरों पर प्रहार किया है, जिनमें से अधिकांश “नारीवादी” होने का दावा करते हैं।

विज्ञापन में एक मॉडल को दिखाया गया है जिसने बच्चा न पैदा करने का मन बना लिया है, लगभग उसे खत्म करने की कगार पर है। युवती एक रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय में एक दोस्त से फोन पर बात करते हुए चलती है, जिसे वह अपनी आपबीती सुनाती है। प्रतीक्षालय में प्रवेश करने पर, मॉडल दो महिलाओं को देखती है – एक कॉर्पोरेट पोशाक पहने अपने लैपटॉप पर काम कर रही है, और दूसरी साड़ी पहने हुए, एक रोते हुए बच्चे को गोद में लिए हुए है।

दोनों ‘कामकाजी’ महिलाओं को रोते हुए बच्चे और उसकी मां पर इतना गुस्सा आता है कि जब दूध की बोतल हाथ से फिसल जाती है तो मॉडल मां की मदद तक नहीं करती। वही पर खड़ी हुई सफाईकर्मी आगे आकर मीठी मुस्कान के साथ उस मां की सहायता करती है।

वह उस मां को बताती है कि कैसे अपने बच्चे को रोना बंद करते हैं, साथ ही महिलाओं को यह भी बताया कि उसके खुद के तीन बच्चे हैं।

व्यस्त कॉर्पोरेट कर्मचारी महिला बयान से कुछ हद तक निराश है। आखिर 2022 में एक महिला को तीन बच्चे कैसे और क्यों होने चाहिए?

इसके बाद आगे वह महिला मां कौन है यह विज्ञापन में बताया गया है..

आगे यह विज्ञापन देखिए और तय कीजिए कि कौन सही है और कौन गलत ?

 

-https://youtu.be/3MR6S_zc45A

-साभार

 

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