कौशल सिखौला : भारत से यूरोप तक रेल..हिट भारत का एजेंडा.. फेल जिनपिंग का प्रोपेगेंडा…
हिट हुआ भारत का एजेंडा .. फेल हुआ जिनपिंग का प्रोपेगेंडा । अब भारत से यूरोप तक रेल चलेगी , लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते नहीं । जी 20 के आठ देश मिलकर खर्च उठाएंगे।

समुद्र के नीचे बनेगा यह रेल मार्ग । अर्थव्यवस्था को आसमान पर पहुंचाने की गरज से , देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने की नीयत से दिल्ली समिट की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है । बिना किसी दखल के रूस को बचाकर जारी किए गए दिल्ली डिक्लेरेशन ने जहां दुनिया को चमत्कृत कर दिया वहीं रूस ने भी मान लिया कि भारत उसका कितना पुराना और पक्का दोस्त है।
इस बीच एक शानदार और दमदार खबर रिजर्व बैंक से आई है । वह यह कि दिल्ली में जी 20 के चलते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार झूम उठा है । इस भंडार में 4039 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार इसी सप्ताह 4 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ गया है । भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब बढ़कर 598.897 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वैसे देखा जाए तो अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था । रिजर्व बैंक के अनुसार इस भंडार में 30 मिलियन डॉलर की गिरावट हुई थी । सितम्बर में भारी वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था के उड़ान भरने की संभावना है।
जी 21 का अगला अध्यक्ष ब्राजील होगा । लेकिन तकनीकी कारणों से अभी नवंबर तक यह पद भारत के ही पास रहेगा । दिल्ली समिट के बेहद सफल आयोजन ने दिखा दिया है कि भारत में इतना बड़ा आयोजन करने की कितनी प्रबल क्षमता है । साबित हुआ कि हम आगे चलकर ओलंपिक का आयोजन भी कर सकते हैं । जी 20 में 20 देश हैं और हर साल किसी न किसी देश में यह समिट होती है।
अगले साल ब्राजील में समिट होगी और फिर ब्रिटेन तथा अमेरिका की बारी आएगी । दिल्ली समिट जिस तरह त्रुटिहीन निकल गई वह बहुत बड़ी बात है । देशवासियों के सीने चौड़े हो गए हैं । जब तमाम सदस्य और आमंत्रित देशों की हस्तियों ने बापू की समाधि पर एक साथ खड़े होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए , वह दृश्य सचमुच अद्भुत था , अद्वितीय था।
तीन दिनों से मीडिया की असली पॉवर भी सामने आ गई है । मीडिया ने अपने चैनलों पर तीन दिनों से एक भी राजनैतिक प्रवक्ता को न बैठाकर देश के दर्शकों पर बड़ा अहसान किया है । उन दमघोटू प्रवक्ताओं के बजाय पूर्व राजदूत , पूर्व राजनयिक , रक्षा विशेषज्ञ एवम बड़े बड़े पत्रकारों को चैनलों पर बैठाया गया । परिणाम स्वरूप चीजों के बारे में जानने का बेहतरीन अवसर देश की जनता को मिल गया।
दिल्ली समिट की सफलता ने दुनिया का दिल जीत लिया है । बड़ा अच्छा लगा कि तीन दिनों तक रुदालियां सुनाई नहीं पड़ी । मीडिया कितनी सार्थक भूमिका निभा सकता है , एक लंबे अरसे के बाद इसका पता चला है । मोदी जैसे प्रधानमंत्री की दिन रात उपस्थिति और विदेश मंत्रालय की जांबाज टीम ने सच कहें तो दुनिया जीत ली है।
