भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए मिली अनुमति

कुछ दिनों पहले घरेलू बाजार में चावल के दाम में उछाल के संकेत को देखते हुए केंद्र सरकार ने नॉन-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया था। हालांकि अब भारत ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लागू प्रतिबंध में थोड़ी ढील दी है। केंद्र सरकार ने भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर के अनुरोध पर 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दे दी है।

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1.43 लाख टन निर्यात की अनुमति
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने देर रात जारी अधिसूचना में कहा कि सरकार ने भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है। डीजीएफटी की अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से इस निर्यात की अनुमति दी गई है।

इन देशों ने किया अनुरोध
भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए अधिसूचित किया गया है। डीजीएफटी ने भूटान को 79 हजार टन, मॉरीशस को 14 हजार टन और सिंगापुर को 50 हजार टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को अधिसूचित किया है। हालांकि, घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई, 2023 को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लागू प्रतिबंध जारी है।

चावल निर्यात में भारत की स्थिति
बता दें कि विश्व में भारत चावल के कुल निर्यात का 40 फीसदी निर्यात करता है। ग्लोबल राइस मार्केट में भी भारत का चावल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है और यह सबसे बड़ा निर्यातक है। इसके बाद दूसरे नंबर पर थाइलैंड और तीसरे नंबर पर वियतनाम का स्थान आता है। ग्लोबल राइस एक्सपोर्ट में भारत का योगदान 15.3 फीसदी और 13.5 फीसदी है।

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