सुरेंद्र किशोर : ‘इंडिया’ नाम पर आश्चर्य क्यों ? खुद को पूरे देश का पर्याय मानने की पुरानी प्रवृति !

डॉ.रत्नेश चैधरी ने अच्छा सवाल उठाया है।
कहा है कि मान लीजिए कि सोनिया गांधी को ‘इंडिया’ का नेता चुन लिया जाए।
यदि ऐसा हुआ तो उनके किसी बयान के साथ उनके नाम से पहले क्या लिखा जाएगा ?
लिखा जाएगा–इंडिया की अध्यक्ष या संयोजक सोनिया गांधी।
क्या किसी व्यक्ति को देश का अध्यक्ष कहा जाना सही होगा ?

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वैसे कांग्रेस की यह पुरानी प्रवृति रही है।
कम ही लोगों को मालूम है कि स्वतंत्रता से पहले कांग्रेस के अध्यक्ष को ‘राष्ट्रपति’ लिखा जाता था।

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पर,जब संविधान लागू होने के बाद राष्ट्रपति शब्द का इस्तेमाल सरकार के प्रेसिडेंट के लिए होने लगा तो कांग्रेस के ‘अध्यक्ष’ होने लगे।
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इमरजेंसी में (1975-77) भी कांग्रेस में यह प्रवृति मजबूती से उभरी थी।
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष देवकांत बरुआ ने नारा उछाला–‘इंडिया इज इंदिरा एंड इंदिरा इज इंडिया।’
किसी राजनीतिक गठबंधन का नाम इंडिया यानी देश के नाम पर रखने के पीछे कांग्रेस की एक खास प्रवृति है।

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