कौशल सिखौला : डॉट डॉट इंडिया को राज्यसभा में एनडीए की पहली मात..
डॉट डॉट इंडिया को कल रात राज्यसभा में एनडीए ने पहली मात दे दी !
इंडिया गठबंधन बनाने के बाद खास तौर से कांग्रेस की यह पहली चुनौती थी जो धराशाई हुई !
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में आज से लेकर तीन दिनों तक चर्चा शुरू हो रही है !
नंबर्स के हिसाब से यहां भी इंडिया गठबंधन को एनडीए से मात मिलेगी , डॉट इंडिया की यह लगातार दूसरी हार होगी !

सच कहें तो इसे ही कहते हैं ” सर मुंडाते ही ओले पड़ना ”
हारना केजरीवाल को था वे अपने साथ अलाइंस इंडिया को ही ले डूबे !
मतलब फिलहाल तो भारत देश के नाम पर अंग्रेजी में बनाए संगठन की एकता का कोई लाभ नहीं मिला !
हां संसद में जुबानी जमा खर्च करने का मौका जरूर मिल गया !
साथ ही बेहद सयाने चालाक केजरीवाल ने लोकसभा में साथ देने के नाम पर विपक्ष के सभी दलों को चौराहे पर लाने का सुख जरूर प्राप्त कर लिया !
राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल तो खैर पास होना ही था , खास बात है बिल पर हुई चर्चा ने केजरीवाल के साथ साथ कांग्रेस का बेनकाब होना !
केजरीवाल सरकार के तो पतडे उखड़ने ही थे , चौबीस में सत्ता पाने के लालच में कांग्रेस ने आप नेताओं द्वारा अतीत में किए गए सोनिया गांधी , राबर्ट वाड्रा और शीला दीक्षित के घोर अपमान को भी उठाकर ताक पर रख दिया ?
जाहिर है अपने घर या दफ़्तर में पूरे दिन टीवी के सामने बैठे केजरीवाल खुद को बेपर्दा होते देखते रहे होंगे !
पर कांग्रेस की भारी मजबूरी देखकर मन ही मन मुस्कुरा भी रहे होंगे !
याद रहे , दिल्ली को आधा अधूरा केंद्रशासित राज्य कांग्रेस ने ही बनाया था और तब विपक्ष के विरोध के बावजूद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने से बार बार इनकार कर दिया था !
दुनिया में जहां जहां राजधानियाँ हैं , उन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा कहीं नहीं दिया जा सकता !
यही कारण था कि कांग्रेस ने बकायदा होमवर्क कर तय किया था कि ऐसा कभी भी नहीं हो सकता , जिसके लिए वे कल से लड़ रहे थे !
क्या करें और क्या कहें ?
वक्त की मजबूरियां हैं कि अब कांग्रेस ने केजरीवाल द्वारा किए गए घोर अपमान के सारे घूंट पी लिए हैं !
केजरीवाल के दिल में यह मलाल हमेशा रहेगा कि सीधे सादे अन्ना हजारे को धोखा देने के बावजूद वे पूर्ण मुख्यमंत्री कभी नहीं बन सकेंगे । उनसे अच्छे तो भगवंत मान रहे जो एक पूर्ण राज्य चला रहे हैं , केजरीवाल की रोज रोज वाली चिकचिक से दूर अपने मन की कर पा रहे हैं । केजरीवाल की असली फितरत क्या है , कांग्रेस को इसका पता राजस्थान , मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में लग जाएगा ।
ये तीनों राज्य आप वाले अकेले लड़ेंगे । आम आदमी पार्टी कह भी चुकी है कि इंडिया पार्टी लोकसभा के लिए बनाई गई है , विधान सभाओं में सब स्वतंत्र हैं । इंडिया गठबंधन की इस पहली हार का गम कांग्रेस को केजरीवाल से ज्यादा है । इस हार ने राहुल की वापसी की खुशी को भी फीका कर दिया है । चिंता की बात यह है कि खुशी के माहौल में नवगठित इंडिया को परसों एक और बड़ा झटका लगने वाला है ?
तो फंस गए राघव चड्ढा।
राज्यसभा में सेलेक्ट कमेटी के लिए भेजे पांच नाम फर्जी।
पांच सांसदों ने अपने हस्ताक्षर फर्जी बताए।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा फर्जीवाड़े की जांच शुरू।
सही पाया तो सदस्यता पर संकट।
एफआईआर भी संभव।
-चित्र इंटरनेट से साभार
