ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण या धन..?
“संसार में धन का भी मूल्य है, और ज्ञान का भी। दोनों का मूल्य अपने-अपने स्थान पर है।” क्योंकि दोनों हमारे लिए सुखदायक अथवा लाभकारी हैं।
फिर भी यदि इन दोनों की तुलना की जाए, तो धन की अपेक्षा, ज्ञान अधिक उत्तम है। आप जानना चाहेंगे, कि इसका क्या कारण है?
इसका प्रश्न का उत्तर यह है, कि “धन कमाने में भी परिश्रम करना पड़ता है, और ज्ञान प्राप्त करने में भी. अर्थात दोनों की प्राप्ति में परिश्रम तो करना पड़ता है।” “परन्तु जब धन प्राप्त हो जाता है, तो आपको उसकी रक्षा भी करनी पड़ती है। यदि आप उसकी रक्षा की सावधानी नहीं रखेंगे, तो धन नष्ट हो जाएगा।” “जबकि ज्ञान के साथ ऐसी स्थिति नहीं है। जब ज्ञान प्राप्त हो जाता है, तब आपको उसकी रक्षा नहीं करनी पड़ती। बल्कि ज्ञान आपकी रक्षा करता है।” “इस दृष्टिकोण से देखें, तो इन दोनों की तुलना में ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण एवं सुखदायक है, क्योंकि वह आपकी रक्षा करता है।”
“आज संसार में उल्टा हो रहा है। ज्ञान की उपेक्षा हो रही है, और धन को बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। जिसका परिणाम यह है, कि लोगों की वास्तविक सुरक्षा नहीं हो रही। उनका जीवन चिंता तनाव युक्त हो गया है, और अन्य अनेक प्रकार से भी असुरक्षित हो गया है।”
“इसलिए बुद्धिमत्ता का प्रयोग करें। धन का मूल्य भी समझें, और ज्ञान का भी। परन्तु धन की अपेक्षा ज्ञान को अधिक महत्व देवें। तभी आपका जीवन सुरक्षित, सुखपूर्ण एवं सफल होगा।”
साभार – “स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक – दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात.”