विनय कुमार : भारत मस्त ही रहेगा

भारत मस्त ही रहेगा। भारत अब अंतरराष्ट्रीय उहापोह से उबर चुका है। जब भारत पर चारो तरफ से दबाव पड़ रहा था। जो स्थिति कभी वाशिंगटन की थी, वह अब नई दिल्ली में हो चुकी है। कुछ हफ़्तों पहले अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, एशिया के देश जिसमे रूस का इलाका भी शामिल हैं।

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उनके प्रतिनिधि नई दिल्ली के चक्कर काट रहे थे।पर किसी की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात सम्भव नहीं हो सकी। उन्हें भारतीय विदेश मंत्रालय से ही लौटना पड़ा। भारत इस समय अंतरराष्ट्रीय भू राजनीति की धुरी बन गया है। कोरोना काल दुनिया भर के देशों को वैक्सीन देना, और उसके पहले बिना युद्ध लड़े एटमी पावर पाकिस्तान को पूरी तरह अस्थिर करते हुए दो दो बार अपने दम पर चीनियों को मारते हुए चीनी तिलिस्म को भारतीय जवानों ने तोड़ा। जिससे विश्व पटल पर चीनी कूटनीतिज्ञों की साख जाती रही और भारतीय अधिकारियों ने मौके का फायदा उठाते हुए भारत को स्थापित किया। विदेश मंत्री जयशंकर के नेतृत्व में भारत की कूटनीति ने कई नए आयाम स्थापित किया है। जिससे प्रधानमंत्री को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती प्रदान होती है। आज का भारत अघोषित रूप से विश्व का एजेंडा तय करता है, क्योंकि मोदी के कद के आगे दुनिया के सभी प्रमुख नेता बौने नजर आते हैं।

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