NRI अमित सिंघल : भारतीय रेल यात्री दरें दुनिया में सबसे कम

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू में बतलाया कि रेल मंत्रालय यात्री परिवहन पर 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रहा हैं – जो कई राज्यों के बजट से भी बड़ी है। इसका व्यवहारिक अर्थ यह है कि हर यात्री लागत से औसतन करीब 55 फीसदी कम कीमत पर यात्रा कर रहा है।

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वैष्णव ने आगे बताया कि भारतीय रेल यात्री दरें दुनिया में सबसे कम हैं। अगर आप फ्रांस में वंदे भारत जैसी ट्रेन से यात्रा करेंगे तो इसकी कीमत करीब सात गुना होगी। यदि आप वह यात्रा जापान में करते हैं, तो इसकी कीमत लगभग आठ या नौ गुना होगी। अगर आप स्विट्जरलैंड में भी ऐसी ही यात्रा करते हैं, तो इसकी कीमत लगभग 20 गुना होगी।

पिछले वर्ष माल ढुलाई में भारतीय रेल ने एक और कीर्तिमान बनाया। हमने 150 करोड़ टन माल ढोया जो विश्व में रेल द्वारा दूसरी सबसे अधिक माल ढुलाई है। माल ढुलाई की कमाई से अच्छी बात यह है कि हम इसके द्वारा यात्री भाड़े पर सब्सिडी देते हैं।

रेल कर्मियों की टीम बहुत बड़ी है, हमारी टीम में 12 लाख कर्मचारी हैं जिस पर पेंशन की लागत प्रति वर्ष लगभग 55,000 करोड़ रुपये है। वेतन और मजदूरी पर प्रति वर्ष लगभग 1,02,000 करोड़ रुपये का व्यय है। ट्रेन चलने में ऊर्जा लागत प्रति वर्ष 40,000 करोड़ रुपये है। रेल रखरखाव लागत लगभग प्रति वर्ष 9,000 करोड़ रुपये है।

दूसरे शब्दों में, जीवन में कोई चीज़ फ्री नहीं मिलती, लागत या बाजार भाव से सस्ती नहीं मिलती। जो फ्री की या लागत या बाजार भाव से सस्ती लेने के आदी है, वह कीमत किसी और तरीके से भरते है। जैसे कि पहले रेल ट्रैक एवं स्टेशन मल-मूत्र से गंधाते रहते थे। हर सप्ताह रेल दुर्घटना में दर्ज़नो यात्रियों की मृत्यु हो जाती थी। पहले 8 घंटे बिजली नहीं, आती थी; आती भी थी तो फ्लक्चुएशन के साथ; पानी – वह भी गन्दा – केवल एक या दो घंटे।

आप कहेंगे कि यात्रियों का भाड़ा तो कम होना चाहिए। चलिए मान लिया। अब आप छोटे-बड़े उद्यमियों से पूछिये, जिनका माल गुड्स ट्रैन से आता-जाता है। उनके उत्पाद की कीमत विकसित देशो में उत्पाद की कीमत से ज्यादा या समान हो जाती है। उनको भारत में कारखाना और उद्यम लगाने की भरपाई अपने कर्मचारियों को कम वेतन या क्वालिटी में कमी करके करनी पड़ती है। दुसरे शब्दों में, उनको एक विकासशील देश में उद्यम का लाभ मिलना चाहिए था, कम भाड़ा होना चाहिए था, नहीं मिला।

जब आप कीमत किसी और तरह से भरते है तो वह पैसा किसकी जेब में जाता है? क्या यह भी मुझे बतलाना होगा?

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