ओम लवानिया ‘प्रोफेसर’ : मुम्बई का डॉन कौन..अरे बाबू सिंपल…

2022 अपनी विदाई की तैयारियों में जुट चुका है। नवंबर आधा होने को उतारू है तो दिसंबर की आने को, दिसंबर के साथ ही 2022 को दुनिया से पैकअप करके कमरा खाली करेगा, इसके उत्तराधिकारी में 2023 आएगा….

इन तैयारियों के बीच 2022 ने ज़ोरदार आवाज़ लगाई “मुम्बई का डॉन कौन?”

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सब तरफ सन्नाटा रहा, कोई कुछ न बोल सका। बल्कि सांसे भी रोक ली थी।

2022 ने पुनः कहा, मुम्बई का डॉन कौन?

स्वयं उत्तर देते हुए बोला, “अरे बाबू सिंपल दक्षिण भारत”

नहीं समझे न! समझिए…कांतारा, केजीएफ़ चैप्टर-2, कार्तिकेय-2, ट्रिपल आर ने क्रमशः 18, 12, 8 और 2 गुणा बॉक्स ऑफिस नंबर्स वसूले है।

ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर, ब्लॉकबस्टर, सुपरहिट और हिट के स्टेटस लेकर निकली है।

हिंदी पट्टी से सिर्फ़ द कश्मीर फाइल्स ने 17 गुणा कमाई करके इन कंटेंट के साथ कदमताल किया है। बाक़ी बॉलीवुड से ब्रह्मात्र को जबरन ब्लॉकबस्टर करार दिया जा रहा है।

इसके आंकड़े देखें टटोले जाएं, 410 करोड़ बजट में बनी ब्रह्मात्र ने वर्ल्ड वाइड 431 करोड़ कलेक्ट किए है। इन परिस्थितियों में फ़िल्म औसत दर्जे की है। जबकि पैन इंडिया में फ्लॉप है। क्योंकि पैन से सुने 250 करोड़ जोड़े है।

दक्षिण भारत के कंटेंट ने पैन इंडिया बॉक्स ऑफिस पर पताका लहराया है। बॉलीवुड पूरी तरह औंधे मुंह पड़ा रहा, द कश्मीर फाइल्स से सूची में बना हुआ है। अगले 5 वर्ष यही ट्रेंड रहा न, तो साउथ कब्ज़ा लेगा।

2023 को बॉलीवुड पठान, आदिपुरुष, जवान, डंकी, टाइगर-3, शहज़ादा, बड़े मियां छोटे मियां, भोला, मैदान आदि से देख रहा है कि इन फिल्मों का कनेक्शन दर्शकों साथ होने की उम्मीद है।

उधर, साउथ भी तैयारी में जुटा है। कब्ज़ा, सालार, तो पैन इंडिया से आएंगी। अन्य का खुलासा धीरे धीरे से होगा।

बाहुबली ने जिस आक्रमक रणनीति से मुम्बई पर चढ़ाई करके सिंहासन को अपने अधीन किया है, कोई दूसरा कंटेंट बाहुबली के समक्ष अपना ध्वज लगा न पाया है। यक़ीनन, केजीएफ़ चैप्टर 2 में रॉकी ने भरपूर कोशिश की थी और कोमा राम भीम व अल्लुरी सीताराम राजू भी निकले थे। कामयाब न हो सके, अब भी माहेष्मती के बाहुबली चक्रवर्ती सम्राट बने हुए है।

कुछ आएंगे और कहेंगे कि चाइना के रास्ते देखो, दंगल ने बाहुबली को परास्त कर दिया है। तो वे नादान है, अपने रण में युद्ध के परिणाम देखो भाई, विदेशी धरती पर थोड़े है। बाहुबली साउथ से मुम्बई पर चढ़ाई करने आया था। आप मुम्बई छोड़कर चीन भाग खड़े हुए और वहाँ से ललकार रहे है तो ऐसा नहीं होगा न बंधु, जिस परिवेश में चुनौती मिली है। वही, निपटो…. दूसरे की आड़ में छिपकर आने वाले योद्धा न है न, डॉमेस्टिक देखिए…वर्ल्ड वाइड आखिर में होता है। पहले देश जीतो, विदेश बाद की बात है। ख़ैर।

साभार

ओम लवानिया “प्रोफेसर”

कंटेंट राइटर..फिल्मी रिव्यु..फिल्मी गपशप।

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