मनीष शर्मा : जाओ पहले CM का sign ले कर आओ फिर तुम जहाँ कहोगे.. अडानी का लोन देश की बैंको का नहीं…

Sign करने का धर्मसंकट
LG ने कह दिया है…. जाओ पहले CM का sign ले कर आओ.. फिर तुम जहाँ कहोगे मैं sign कर दूंगा.
उधर केजरीवालजी अब धर्म संकट में है….. अब हर फ़ाइल पर sign करने पड़ेंगे… कल को कोई घोटाला निकला तो…
EVM फिर से बदनाम होगी
वोटर ID और आधार card की linking शुरू हो चुकी है. आप भी अपने शहर कस्बे में इसकी जानकारी लीजिये और जल्दी से करवाइये.
यह पूरे देश में होगा… कोई नहीं छोड़ा जायेगा… और उसके बाद चुनाव परिणाम बड़े ही चौकाने वाले देखने को मिलेंगे….. EVM फिर से बदनाम होगी.
सबसे बड़ा उलटफेर दिल्ली में देखने को मिल सकता है.
ऐसे इम्प्रूव होगी अंग्रेजी
किस पार्टी ने पाया कि पब्लिक की अँग्रेजी बहुत कमजोर है,bइसलिए उन्होने सब जगह अंग्रेजी शराब के ठेके खोले… क्यूंकि पार्टी के internal survey में पाया गया था कि अंग्रेजी पीने के बाद अच्छी अंग्रेजी बोली जाती है.
 बच्चे भी अच्छी अँग्रेजी बोले इसलिए पीने की उम्र भी कम करवा दी.
कार्टून साभार
रात को भी अंग्रेजी अच्छी बोलें इसलिए 3 बजे तक दारु की डिलीवरी भी चालु करवाई.
हर गली मोहल्ले में लोग अंग्रेजी बोलें, इसलिए रिहाइशी इलाकों में भी ठेके खोल दिए.
गरीब लोग भी अंग्रेजी बोलें, इसलिए छोटे छोटे पव्वा की पैकिंग भी शुरू कर दी…. ताकि लोग 40-50 के छोटे पैक से भी अंग्रेजी के मजे ले सकें.
इतनी दूरदर्शी सोच है उनकी , ऐसे ही उन्हे दुनिया के बेस्ट एडुकेशन मिनिस्टर का अवार्ड नहीं मिला है…. ये भक्तो को कुछ नहीं पता.
अडानी पर जितना भी loan है, क्या वो सारा देश की banks का है??? उत्तर है ‘नहीं’
अडानी पर लोन है, अडानी डूबने वाला है… अडानी अलाना अडानी फलाना…
आपको इस तरह की खबरें पढ़ने को मिल रही होंगी… लेकिन इनमे सच कितना है वो जानना जरूरी है.
सच यह है कि हर Corporate loan लेता है.. कोई कितना ही बड़ा अरबपति हो, उसे काम करने के लिए loan लेना ही पड़ता है.
यह loan वो चाहें तो देश की banks से ले सकता है, या विदेशी Financial institutions से भी ले सकता है.
अडानी पर जितना भी loan है, क्या वो सारा देश की banks का है??? उत्तर है ‘नहीं’
किसी भी कंपनी की वित्तीय क्षमता को जानने के कई parameter होते हैं, लेकिन उसमे भी Debt-to-equity ratio बड़ा महत्वपूर्ण है.
अडानी का Debt to equity ratio पिछले कुछ सालों में कम ही होता गया है, जो एक सकारात्मक संकेत है. वहीं अगर loan की बात की जाए तो अडानी से ज्यादा loan Tata, अम्बानी, बिरला आदि ने ले रखा है.. क्या उनके बारे में मीडिया में ऐसी खबरें छापी जाती हैं??
मेरी अडानी से कोई दोस्ती नहीं… कोई personal फायदा नहीं…. लेकिन इस तरह देश के corporates के बारे में उलजुलूल खबरें छाप कर Negative Sentiments बनाना गलत है. मेरे लिए Tata, बिरला, अम्बानी, अडानी सब बराबर हैं.
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अडानी पर लोन है, अडानी डूबने वाला है… अडानी अलाना अडानी फलाना…
आपको इस तरह की खबरें पढ़ने को मिल रही होंगी… लेकिन इनमे सच कितना है वो जानना जरूरी है.
सच यह है कि हर Corporate loan लेता है.. कोई कितना ही बड़ा अरबपति हो, उसे काम करने के लिए loan लेना ही पड़ता है.
यह loan वो चाहें तो देश की banks से ले सकता है, या विदेशी Financial institutions से भी ले सकता है.
अडानी पर जितना भी loan है, क्या वो सारा देश की banks का है??? उत्तर है ‘नहीं’
किसी भी कंपनी की वित्तीय क्षमता को जानने के कई parameter होते हैं, लेकिन उसमे भी Debt-to-equity ratio बड़ा महत्वपूर्ण है.
अडानी का Debt to equity ratio पिछले कुछ सालों में कम ही होता गया है, जो एक सकारात्मक संकेत है. वहीं अगर loan की बात की जाए तो अडानी से ज्यादा loan Tata, अम्बानी, बिरला आदि ने ले रखा है.. क्या उनके बारे में मीडिया में ऐसी खबरें छापी जाती हैं??
मेरी अडानी से कोई दोस्ती नहीं… कोई personal फायदा नहीं…. लेकिन इस तरह देश के corporates के बारे में उलजुलूल खबरें छाप कर Negative Sentiments बनाना गलत है. मेरे लिए Tata, बिरला, अम्बानी, अडानी सब बराबर हैं.

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