हड़ताल : मात्र इस न्यायालय में हुई नियमित सुनवाई.. अधिवक्ता संघ अध्यक्ष जायसवाल बोले…
कोरबा। प्रदेश के कर्मचारी संगठनों 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है। इसमें न्यायिक सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ और कनिष्ठ अधिकारी संघ भी शामिल हो गए हैं। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब न्यायालयीन कर्मचारी किसी हड़ताल में शामिल हो रहे हों। फेडरेशन का दावा है कि इस हड़ताल में प्रदेश के चार लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इसकी वजह से प्रशासनिक और न्यायिक कामकाज पूरी तरह ठप हो सकता है। यह हड़ताल मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगी।
कुछ कर्मचारी जहां अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं, वहीं एक बड़ा वर्ग मुख्यमंत्री के इस फैसले से खुश है, जिसमे उन्होंने कर्मचारियों के हित में फैसला लेते हुए 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया है।
जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं -” प्रदेश के इतिहास में न्यायालय से जुड़े लोग पहली बार इसमें शामिल हुए हैं, जिससे न्यायालयीन कार्यो के निष्पादन में अवरोध उत्पन्न हो रहा है।” आगे उन्होंने आशा व्यक्त की है कि “कोई सम्मानजनक रास्ता द्विपक्षीय वार्ता से जल्द ही निकलेगा जिससे कामकाज सुचारू रूप से निष्पादित हो सके।”
प्रदेश भर के न्यायायिक विभागों में हड़ताल का प्रभाव स्पष्ट रूप से दृष्टगत हुआ और लोगों का कामकाज ठप्प हो गया लेकिन इस मध्य सिर्फ एक न्यायायिक विभाग ऐसा था जहां इस प्रदर्शन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा और लोगों का काम अबाध रूप से निष्पादित हुआ। कलेक्टर न्यायालय कोरबा में कलेक्टर संजीव झा ने सारे प्रकरणों की नियमित सुनवाई कर, प्रकरणों का निष्पादन किया।
अधिवक्ता योगेश पोद्दार ने बताया कि “लगभग 32 प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में आज सुनवाई के लिए नियत थे। नियत प्रकरणों में वादी-प्रतिवादी, अधिवक्ता भी उपस्थित रहे। हड़ताल से जिलाधीश न्यायालय के कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।”
कोरबा में कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन द्वारा सोमवार से शुरू हुए उनके अनिश्चितकालीन हड़ताल को सरकारी कर्मचारियों के 93 संगठनों के समर्थन देने का दावा किया जा रहा है। पहले दिन कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर तानसेन चौक पर धरना दिया। इससे कार्यालयीन कार्य प्रभावित हुए है। कई सरकारी दफ्तरों में ताले लटके रहे, जो दफ्तर खुले वहां सन्नाटा पसरा रहा। फेडरेशन ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें केन्द्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता शामिल है। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से सरकारी दफ्तरों का कामकाज प्रभावित हुआ है। संविदा कर्मियों के भरोसे विभागों के जरूरी काम निपटाए जा रहे थे।