पंचक आज से : गैस सिलेंडर,माचिस सहित इनकी खरीदी से रहे दूर…
पंचक आज से 13 जुलाई तक रहेगा।
पंचक नक्षत्रों के आरंभ होते ही प्राणियों में एक अलग तरह का छुपा हुआ भय सताने लगता है कि ‘पंचक’ लग गया है इसमें ये कार्य आरंभ किया जाय या न किया जाय। ये जानने की जिज्ञासा उन सभी को रहती है जो इन दिनों में आवश्यकता वश कार्य आरंभ करने के लिए विवश रहते हैं। मुहूर्त ज्योतिष के महानतमग्रन्थ ‘मुहूर्त चिंतामणि’ के अनुसार घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ये नक्षत्र पर जब चन्द्रमा गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा गया है पूर्व और उत्तर भारत में इसे ‘भदवा’ भी कहते हैं।
पंचक काल में घास फूस इकठ्ठा करना, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित करना, पलंग बनाना- चारपाई बनाना, छप्पर बनाने जैसा कार्य नहीं करना चाहिए। इससे अग्नि का भय रहता है। इस काल में दक्षिण दिशा की यात्रा भी वर्जित मानी गई है। चन्द्र जब रेवती नक्षत्र गोचर कर रहे हों तो उस समय बनने वाले मकान की छत नहीं डालनी चाहिए, इससे पारिवारिक कलह, बड़े सदस्य का स्वास्थ्य खराब रहने तथा धन हानि की संभावना अधिक रहती है।
रोग पंचक
रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है, इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।
राज पंचक
सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है ये पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।
अग्नि पंचक
मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है।
चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के लेन-देन से बचना चाहिए।
बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक सभी तरह के कार्य कर सकते हैं यहाँ तक कि सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं।
