सुरेंद्र किशोर : हर राज्य के लिए आतंक विरोधी ‘रण’-नीति
केंद्र सरकार देश के हर राज्य के लिए आतंक विरोधी ‘रण’ -नीति तैयार करने पर विचार मंथन कर रही है।
इस काम में गृह मंत्रालय के थिंक टैंक से लेकर आई.बी.,एन.एस.जी. तथा अन्य निकाय लगे हैं और लगेंगे।
माना जा रहा है कि पूरे देश के सामने
1.- जिहादी आतंकवाद
2.-सांप्रदायिक हिंसा
3.-विद्रोह
और वाम आतंकवाद जैसी मुख्य व गंभीर समस्याएं हैं।
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इन संकटों से मुकाबले के लिए नेशनल सिक्युरिटी गार्ड्स ने
राष्ट्रीय आतंक विरोधी ‘रण’ नीति तैयार करने का सुझाव दिया है।
इसके लिए देश भर के पुलिस बल को जरूरी ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव है।
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संकेत हैं कि केंद्र सरकार अगले 12 साल में इन चार गंभ्ीर समस्याओं को हल कर देना चाहती है।
यह भी लगता है कि देश के बाहर और भीतर की राष्ट्रद्रोही शक्तियों की वास्तविक ताकत का अनुमान केंद्र सरकार ने लगा लिया है।
यदि कोई राज्य सरकार दंगाइयों के प्रति नरम हो तो राजस्थान जैसे हालात बनते हैं।
यदि नरमी न बरती जाए तो उत्तर प्रदेश जैसी शांति बनी रहती है।
याद रहे कि सन 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में भी शांति नहीं थी।
