‘बड़ा’  ये कर रहे हैं अजीत डोभाल 24-25 अप्रैल को वैश्विक परिदृश्य में पहली बार भारत में..

ये तथाकथित सेकुलर गिरोह और लूटियन मीडिया कितने भी दुष्प्रचार करें अपने मकसद में कामयाब नही होंगे। अब बोरिस जॉनसन ने ही भारत से सटने की कोशिश आरम्भ कर दी है, उसे भी समझ आ गया है कि भारत के सहयोग के बिना आगे नही बढ़ा जा सकता। 

“जो काम आज तक फ्रांस, रूस, अमेरिका, जर्मनी या कोई और भी बड़ा देश नहीं कर पाया वह अब भारत में होने जा रहा है।

24 और 25 अप्रैल को भारत में 40 से भी ज्यादा देशों के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी कि एनएसए यानी कि इन देशों की जासूसी संस्थाओं के चीफ भारत में आकर भारत के  एनएसए श्री अजीत डोभाल से मीटिंग करेंगे।”

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के जानकार चंदर मोहन अग्रवाल इस विषय में आगे लिखते हैं –

” जिन लोगों को अभी भी यह लगता है कि अंतरराष्ट्रीय जियो पॉलिटिक्स में भारत का कद अभी भी नॉर्मल है और अभी कोई खास नहीं बढ़ा तो अब उनको मेरी तरफ से  एडवाइज है कि वह अब न्यूज़ चैनल की जगह पोगो चैनल देखना शुरू कर दे।”

विश्व के राजनैतिक परिदृश्य के हिसाब से यदि इस घटनाक्रम का आकलन किया जाए तो आधुनिक इतिहास में भारत की प्रतिष्ठा, सम्मान, दबदबा और विश्व में शक्ति संपन्न राष्ट्र होने की हर प्रमाणिकता पर खरा उतरता है।

ये समयकाल भारत के विश्वशक्ति के रूप में उभरने के स्पष्ट संकेत दे रहा है।

अब हिटलर का जमाना तो है नही की सौ बार झूठ बोलने से झूठ सत्य हो जाता है। जब तक देश में वामपंथी, लुटियन मीडिया और सेकुलर गिरोह हैं,ये लोगों को गुमराह करते रहेंगे।लेकिन आज देश में सच को लोग जानने लगे हैं।

ये तथाकथित सेकुलर गिरोह और लूटियन मीडिया कितने भी दुष्प्रचार करें अपने मकसद में कामयाब नही होंगे। अब बोरिस जॉनसन ने ही भारत से सटने की कोशिश आरम्भ कर दी है, उसे भी समझ आ गया है कि भारत के सहयोग के बिना आगे नही बढ़ा जा सकता।

अगर दुनियाभर के NSA भारत आ रहे हैं, तो कुछ तो बात है।दरअसल कांग्रेस और वामपंथी दलों और लुटियंस मीडिया को ये हज़म नही हो रहा,क्योंकि ऐसा दौर की वो कल्पना भी नही कर सकते थे।मोदी का विरोध करते करते एक दिन ये खुद थक जाएंगे। अजित डोवाल को यूं ही भारत जेम्स बांड नही बोला जाता और जेम्स बांड को तो पूरी दुनिया पसंद करती है।

 

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