अरविंद पांडे : जेल से इनका संबंध दिया और बाती जैसा..
पहले ग्राम पंचायत और उसके बाद 1973 साडा के समय से आज कोरबा के जिला बनने के सफर तक पूरी पिक्चर बदल गई है।जनसंख्या बढ़ने के साथ ही कोरबा ग्राम का रूप परिवर्तित होकर शहर के रूप में विकसित हुआ वैसे ही समस्याए भी खड़ी हुई। समय -समय पर गरीब सर्वहारा वर्ग के लिये लड़ने वाले जुझारु योद्धा के रूप में तब सामने नवरंग लाल अग्रवाल आये जिनके हुंकार भरी आवाज से प्रशासन की नींद उड़ जाती थी।
उनके कदम जब भी घर से बाहर निकले तो गरीबो के लिये और कदम रुके तो प्रशासन की चौखट पर। फिर चाहे वह कोई भी हो किसी भी वर्ग का रहा हो कामरेड नवरंग लाल ने अधिकार के लिए लड़ने में साथ देने से से अपना बुरा चाहने वालों को भी ना नहीं किया।
अपने समय में उन्होंने ने कई आंदोलन किये। जेल से तो उनका दिया और बाती जैसा संबंध था। आज उनके जैसे जुझारू नेतृत्व की आवश्यकता है जो गरीबो के जीवन मे रंग भर दे। आम गरीब वर्ग के लोगो को जिन्होंने उनके साथ जुड़कर काम किया है, उनको कही ना कही नवरंग की कमी खल रही है। बड़ी-बड़ी समस्याये सुरसा की तरह मुंह खोले सामने है लेकिन कोई सुनवाई नही लोग अपनी छोटी-छोटी समस्यओं को लेकरकार्यालयों में भटक रहे हैं लेकिन सुनवाई नही हो रही है। लोगो मे आज आक्रोश देखा जा है, इन सबके लिये नवरंग ही थे कम से कम लड़ते तो थे आज लड़ने वाला कोई भी नही है। पक्ष-विपक्ष सभी सत्ता की मलाई चाटने में लगें हैं। क्या फिर कोई नवरंग आयेगा ?
जिस तरह से नवरंग लाल अग्रवाल के नाम की गूंज अविभाजित मध्य प्रदेश मे हुआ करती थी आज वैसी गूंज किसी नेता की ना तो शहर में है औ ना ही राजधानी में। कभी नवरंग के साथ कंधा से कंधा मिला कर चलने वाले आज अपने आप को अकेला पाते हैं।
आज उनकी 23 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने उनका स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नवरंग लाल अग्रवाल मिलनसार व मृदुभाषी व्यक्तित्व के साथ साथ एक जुझारू प्रवृत्ति के लड़ाकू आंदोलनकारी थे। जनता के हितों की लड़ाई के संबंध में अधिकारियों से किसी भी तरह का समझौता न कर जनता को उसका हक दिलाने तक अपनी लड़ाई जारी रखते थे। जिले में एक विराट व्यक्तित्व के इस आंदोलनकारी की कमी हमेशा खलती रहेगी। उनसे प्रेरणा लेकर पब्लिक के अधिकार की धार को मजबूती देना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
